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10 लाख रुपए रिश्वत देने चले आरटीओ रंगे हाथों गिरफ्तार
शिमला। नालागढ़ के आरटीओ ओम प्रकाश पुरी को विजिलेंस की टीम ने मैहतपुर में दस लाख रुपए के साथ ट्रैप किया है। आरोप है कि पुरी ने ये दस लाख रुपए अपने खिलाफ दर्ज मामले की जांच को हल्का करने तथा उनके विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच न करने के लिए विजिलेंस टीम को रिश्वत देने के लिए रखे थे।
यह वही पुरी हैं जिनके ऊपर पिछले दिनों विजिलेंस ऊना की टीम ने दफ्तर में रिश्वत लेने के मामले में केस दर्ज किया था। जानकारी के मुताबिक उसके चलते ही उन्होंने विजिलेंस की टीम को बतौर रिश्वत दस लाख देने का ऑफर दिया था, जिस पर विजिलेंस की टीम ने रिवर्स ट्रैप लगाया व स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में पुरी को दस लाख रुपए के साथ दबोच लिया।
ये पैसा आज सुबह मैहतपुर में देना तय हुआ था, उसी दौरान उन्हें पकड़ा गया। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 8 तथा 12 के तहत एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार कर उन्हें अब कल कोर्ट में पेश किया जाएगा। एएसपी विजिलेंस सागर चंद ने मामले की पुष्टि की है।
आरटीओ नालागढ़ ओम प्रकाश पुरी के पास कुछ समय पूर्व ऊना का भी अतिरिक्त कार्यभार था, लेकिन 28 फरवरी को आरटीओ का ऊना कार्यालय में रिश्वत लेते हुए पांच वीडियो क्लिप वायरल हुए थे, जिसके बाद विजिलेंस ने आरटीओ के खिलाफ मामला दर्ज किया था। विजिलेंस की गिरफ्त से बचने के लिए पहले तो कई दिन आरटीओ भूमिगत रहा और बाद में उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत ले ली और विजिलेंस ऊना में जांच में शामिल हुआ। इसी मामले को हल्का करने और आय से अधिक संपत्ति की जांच न करने के लिए आरटीओ ने विजिलेंस टीम को रिश्वत 10 लाख रुपए देने का ऑफर दिया।
यह वही पुरी हैं जिनके ऊपर पिछले दिनों विजिलेंस ऊना की टीम ने दफ्तर में रिश्वत लेने के मामले में केस दर्ज किया था। जानकारी के मुताबिक उसके चलते ही उन्होंने विजिलेंस की टीम को बतौर रिश्वत दस लाख देने का ऑफर दिया था, जिस पर विजिलेंस की टीम ने रिवर्स ट्रैप लगाया व स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में पुरी को दस लाख रुपए के साथ दबोच लिया।
ये पैसा आज सुबह मैहतपुर में देना तय हुआ था, उसी दौरान उन्हें पकड़ा गया। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 8 तथा 12 के तहत एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार कर उन्हें अब कल कोर्ट में पेश किया जाएगा। एएसपी विजिलेंस सागर चंद ने मामले की पुष्टि की है।
आरटीओ नालागढ़ ओम प्रकाश पुरी के पास कुछ समय पूर्व ऊना का भी अतिरिक्त कार्यभार था, लेकिन 28 फरवरी को आरटीओ का ऊना कार्यालय में रिश्वत लेते हुए पांच वीडियो क्लिप वायरल हुए थे, जिसके बाद विजिलेंस ने आरटीओ के खिलाफ मामला दर्ज किया था। विजिलेंस की गिरफ्त से बचने के लिए पहले तो कई दिन आरटीओ भूमिगत रहा और बाद में उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत ले ली और विजिलेंस ऊना में जांच में शामिल हुआ। इसी मामले को हल्का करने और आय से अधिक संपत्ति की जांच न करने के लिए आरटीओ ने विजिलेंस टीम को रिश्वत 10 लाख रुपए देने का ऑफर दिया।
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