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भरपूर एक्शन और आतंकवादियों का खात्मा ‘विश्वरुपम-2’
कहानी :-
फिल्म कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां विश्वरुपम-1 पर खत्म हुई थी। रॉ एजेंट मेजर विशाम अहमद कश्मीरी (कमल हासन) अपनी पत्नी निरूपमा (पूजा कुमार) और अपनी सहयोगी अस्मिता (ऐंड्रिया जेरेमिया) के साथ अलकायदा के मिशन को पूरा करके लौट रहा है। अब उस पर नई जिम्मेदारियां हैं। इस बार भी उसका लक्ष्य कुरैशी (राहुल बोस) द्वारा फैलाए गए आतंकवाद को समाप्त करना होता है। इस मिशन में उसके साथ उसकी पत्नी और सहयोगी के अलावा कर्नल जगन्नाथ (शेखर कपूर) भी हैं। मिशन में उनकी मुलाकात अलग-अलग तरह के लोगों और घटनाओं से होती है, जिसका सामना करते हुए विशाम को काफी परेशानियों को झेलना पडाता है।
आतंकवाद के नासूर को रोकने की उसकी इस लड़ाई में उसे जान से मारने की कोशिश भी की जाती है और उसकी सहयोगी अस्मिता अपनी जान से हाथ धो बैठती है, मगर इन चुनौतियों से उसके हौसले पस्त नहीं होते। उसे देश में होने वाले 66 बम धमाकों के खौफनाक कारनामे को रोकना है। उसकी हिम्मत को तोडऩे के लिए अल्जाइमर से पीडि़त उसकी मां (वहीदा रहमान) को भी मोहरा बनाया जाता है। सलीम (जयदीप अहलावत) कुरैशी की आतंकी विरासत को आगे बढ़ाता है। क्या विशाम देश को आतंक की आंधी से तहस-नहस होने से बचा पाएगा। इसके लिए आपको सिनेमाघरों की रुख करना पडेगा।
फिल्म कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां विश्वरुपम-1 पर खत्म हुई थी। रॉ एजेंट मेजर विशाम अहमद कश्मीरी (कमल हासन) अपनी पत्नी निरूपमा (पूजा कुमार) और अपनी सहयोगी अस्मिता (ऐंड्रिया जेरेमिया) के साथ अलकायदा के मिशन को पूरा करके लौट रहा है। अब उस पर नई जिम्मेदारियां हैं। इस बार भी उसका लक्ष्य कुरैशी (राहुल बोस) द्वारा फैलाए गए आतंकवाद को समाप्त करना होता है। इस मिशन में उसके साथ उसकी पत्नी और सहयोगी के अलावा कर्नल जगन्नाथ (शेखर कपूर) भी हैं। मिशन में उनकी मुलाकात अलग-अलग तरह के लोगों और घटनाओं से होती है, जिसका सामना करते हुए विशाम को काफी परेशानियों को झेलना पडाता है।
आतंकवाद के नासूर को रोकने की उसकी इस लड़ाई में उसे जान से मारने की कोशिश भी की जाती है और उसकी सहयोगी अस्मिता अपनी जान से हाथ धो बैठती है, मगर इन चुनौतियों से उसके हौसले पस्त नहीं होते। उसे देश में होने वाले 66 बम धमाकों के खौफनाक कारनामे को रोकना है। उसकी हिम्मत को तोडऩे के लिए अल्जाइमर से पीडि़त उसकी मां (वहीदा रहमान) को भी मोहरा बनाया जाता है। सलीम (जयदीप अहलावत) कुरैशी की आतंकी विरासत को आगे बढ़ाता है। क्या विशाम देश को आतंक की आंधी से तहस-नहस होने से बचा पाएगा। इसके लिए आपको सिनेमाघरों की रुख करना पडेगा।
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