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उम्दा अभिनेता साबित करते हैं सरदार उधम में विक्की, धीमी गति से बोर होता है दर्शक
फिल्म समीक्षा
दो दिन पूर्व ओटीटी प्लेटफार्म पर अभिनेता विक्की कौशल की फिल्म सरदार उधम का प्रीमियर हुआ। इस फिल्म को देखने का मौका शनिवार को मिला। एक क्रांतिकारी की बायोपिक के रूप में प्रचारित की गई इस फिल्म से उम्मीद थी कि यह एक अच्छी थ्रिलर फिल्म होगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। यह टिपिकल देशभक्ति वाली फिल्मों से जरा अलग है। यह देशभक्ति की दूसरी सोच को प्रदर्शित करती है। यह किसी व्यवस्था और हुकूमत के खिलाफ विरोध की असल व्यापक सोच को प्रदर्शित करती है। पूरी फिल्म के बैकड्रॉप में लेखक शुभेंदु भट्टाचार्य और रितेश शाह ने जलियांवाला बाग हत्याकांड को रखा है। फिल्म का नायक इस हत्याकांड के लिए दोषी अंग्रेज अफसरों को मौत देना चाहता है।
दो दिन पूर्व ओटीटी प्लेटफार्म पर अभिनेता विक्की कौशल की फिल्म सरदार उधम का प्रीमियर हुआ। इस फिल्म को देखने का मौका शनिवार को मिला। एक क्रांतिकारी की बायोपिक के रूप में प्रचारित की गई इस फिल्म से उम्मीद थी कि यह एक अच्छी थ्रिलर फिल्म होगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। यह टिपिकल देशभक्ति वाली फिल्मों से जरा अलग है। यह देशभक्ति की दूसरी सोच को प्रदर्शित करती है। यह किसी व्यवस्था और हुकूमत के खिलाफ विरोध की असल व्यापक सोच को प्रदर्शित करती है। पूरी फिल्म के बैकड्रॉप में लेखक शुभेंदु भट्टाचार्य और रितेश शाह ने जलियांवाला बाग हत्याकांड को रखा है। फिल्म का नायक इस हत्याकांड के लिए दोषी अंग्रेज अफसरों को मौत देना चाहता है।
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