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रिव्यू : चीन पर भारी पड़ी भारतीय सेना की ‘पलटन’
फिल्म की कहानी...
यह फिल्म साल 1962 की इंडो-चाइना वॉर पर आधारित है। फिल्म पल्टन सिक्किम सीमा के साथ हुए साल 1967 के नाथू ला और चो ला सैन्य संघर्षों पर कैसे चीन ने भारतीय सेना पर हमला किया था। चीन ने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि भारतीय सेना उस समय नाथू ला से सेबू ला (सिक्किम) तक फेंसिंग कर रही थी और चीन की सेना ये नहीं चाहती थी।
फिल्म के जरिए बताया गया है कि चीन पर 62 की जंग जीतने का घमंड था और उसी जीत का दंभ भरते हुए चीनी सेना ने आक्रमण कर दिया।
अचानक हुए इस हमले से भारतीय सेना स्तब्ध थी और इस कारण शुरू में कई सैनिक शहीद हो गए। लेकिन तुरंत भारतीय सेना ने अपने को संभाला और जवाबी कार्रवाई की। भारतीय सेना द्वारा इस कार्रवाई से चीन के हौसले पस्त हो गए और उन्होंने सीजफायर का ऐलान कर दिया।
क्यों देखे...
यह फिल्म साल 1962 की इंडो-चाइना वॉर पर आधारित है। फिल्म पल्टन सिक्किम सीमा के साथ हुए साल 1967 के नाथू ला और चो ला सैन्य संघर्षों पर कैसे चीन ने भारतीय सेना पर हमला किया था। चीन ने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि भारतीय सेना उस समय नाथू ला से सेबू ला (सिक्किम) तक फेंसिंग कर रही थी और चीन की सेना ये नहीं चाहती थी।
फिल्म के जरिए बताया गया है कि चीन पर 62 की जंग जीतने का घमंड था और उसी जीत का दंभ भरते हुए चीनी सेना ने आक्रमण कर दिया।
अचानक हुए इस हमले से भारतीय सेना स्तब्ध थी और इस कारण शुरू में कई सैनिक शहीद हो गए। लेकिन तुरंत भारतीय सेना ने अपने को संभाला और जवाबी कार्रवाई की। भारतीय सेना द्वारा इस कार्रवाई से चीन के हौसले पस्त हो गए और उन्होंने सीजफायर का ऐलान कर दिया।
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