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Review : साल की विदाई गुड न्यूज के साथ! कॉमेडी का तडक़ा लगा परोसा गया गंभीर विषय
फिल्म का स्क्रीनप्ले लाजवाब है। एक्टिंग की बात करें तो अक्षय लगातार
निखरते ही जा रहे हैं। डिफरेंट जोनर की फिल्म करने वाले अक्षय ने यहां भी
अपने किरदार के साथ न्याय किया है। उनके हाव-भाव और बॉडी लेंगवेज दृश्य दर
दृश्य बन पड़े हैं। करीना भी कम नहीं रहीं। दिलजीत की कॉमिक टाइमिंग शानदार
रही है। कियारा को भी जितना भी मौका मिला है उसमें वो प्यारी लगी हैं। गीत
संगीत इतना खास नहीं है। सिर्फ सौदा खरा खरा... ही याद रह पाता है।
बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा है। फालतू के गाने नहीं ठूंसे गए हैं। डायलॉग फिल्म की यूएसपी है। हालांकि वे कुछ बोल्ड भी है, लेकिन इन दिनों लोगों की निजी जिंदगी में टीवी और सोशल मीडिया की जबरदस्त घुसपैठ होने से यह ज्यादा अखरता नहीं है। कहानी भावनात्मक रूप से कम ही जोड़ पाती है। इंटरवेल के बाद इसमें लूपहोल देखे जा सकते हैं। फूहड़ और डबल मीनिंग एंटरटेनमेंट नहीं है।
बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा है। फालतू के गाने नहीं ठूंसे गए हैं। डायलॉग फिल्म की यूएसपी है। हालांकि वे कुछ बोल्ड भी है, लेकिन इन दिनों लोगों की निजी जिंदगी में टीवी और सोशल मीडिया की जबरदस्त घुसपैठ होने से यह ज्यादा अखरता नहीं है। कहानी भावनात्मक रूप से कम ही जोड़ पाती है। इंटरवेल के बाद इसमें लूपहोल देखे जा सकते हैं। फूहड़ और डबल मीनिंग एंटरटेनमेंट नहीं है।
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