Advertisement
जिनकी आंखें अधिक रूखी पाई जाती हैं उनमें प्रति मिनट 32...
न्यूयार्क। आंखें अगर रूखी हों, तो पढऩे की रफ्तार घट जाती है। आंखों का रूखापन एक बीमारी है, जिसमें आंखों से पर्याप्त मात्रा में आंसू नहीं निकलते हैं। इसे ड्राई आई सिंड्रोम कहते हैं। इससे आंखों के कार्य काफी प्रभावित होते हैं।
इस सिंड्रोम पर शोध करने वाले शोधार्थी बताते हैं कि क्रोनिक ड्राई आई (आंखों के रूखेपन की बीमारी) से पीडि़त लोगों में पढऩे की गति कम होती है।
शोध में पाया गया कि इस रोग से पीडि़त लोगों में पढऩे की गति सामान्य से 10 फीसदी कम होती है। साथ ही, इससे औसतन 30 मिनट से अधिक समय तक पढऩे में कठिनाई हो सकती है।
नैदानिक रूप से जिनकी आंखें अधिक रूखी पाई जाती हैं उनमें प्रति मिनट 32 शब्द कम पढऩे की क्षमता होती है, जबकि रोग से रहित लोग प्रति मिनट 272 शब्द पढ़ सकते हैं।
इस सिंड्रोम पर शोध करने वाले शोधार्थी बताते हैं कि क्रोनिक ड्राई आई (आंखों के रूखेपन की बीमारी) से पीडि़त लोगों में पढऩे की गति कम होती है।
शोध में पाया गया कि इस रोग से पीडि़त लोगों में पढऩे की गति सामान्य से 10 फीसदी कम होती है। साथ ही, इससे औसतन 30 मिनट से अधिक समय तक पढऩे में कठिनाई हो सकती है।
नैदानिक रूप से जिनकी आंखें अधिक रूखी पाई जाती हैं उनमें प्रति मिनट 32 शब्द कम पढऩे की क्षमता होती है, जबकि रोग से रहित लोग प्रति मिनट 272 शब्द पढ़ सकते हैं।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
यह भी प�?े
Advertisement
लाइफस्टाइल
Advertisement