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स्वयं मदद: स्वस्थ रखने के लिए असरदार हैं आपके विचार, सुनने का महत्त्व भी जाने
3. बहस से नहीं अपने काम से लोगों को प्रभावित करें
बहस से मिलने वाली क्षणिक विजय खोखली होती है। इससे सामने वाले के विचार नहीं बदलते हैं। बल्कि मन में द्वेष और दुर्भावना ही उत्पन्न होती है। कुछ बोले बिना ही अपने काम से लोगों को प्रभावित करना असरदार होता है। बहस करना शोर करने जैसा है। आपका काम ज्यादा प्रभावी और अर्थपूर्ण होता है।
4. समझदार लोग बोलते कम हैं, सुनते ज्यादा हैं
समझदार व्यक्ति की पहचान होती है कि वो ज्यादा बात करने से बचता है। जब बात करता है, तो संक्षिप्त में अपनी बात रखता है। वह सुनता ज्यादा है। शोध बताते हैं कि आम आदमी केवल 25 प्रतिशत दक्षता के साथ सुनता है। यदि गौर करें तो हमारे दो काम और एक मुँह है, मतलब हम बोलने से ज्यादा सुन सकते हैं।
बहस से मिलने वाली क्षणिक विजय खोखली होती है। इससे सामने वाले के विचार नहीं बदलते हैं। बल्कि मन में द्वेष और दुर्भावना ही उत्पन्न होती है। कुछ बोले बिना ही अपने काम से लोगों को प्रभावित करना असरदार होता है। बहस करना शोर करने जैसा है। आपका काम ज्यादा प्रभावी और अर्थपूर्ण होता है।
4. समझदार लोग बोलते कम हैं, सुनते ज्यादा हैं
समझदार व्यक्ति की पहचान होती है कि वो ज्यादा बात करने से बचता है। जब बात करता है, तो संक्षिप्त में अपनी बात रखता है। वह सुनता ज्यादा है। शोध बताते हैं कि आम आदमी केवल 25 प्रतिशत दक्षता के साथ सुनता है। यदि गौर करें तो हमारे दो काम और एक मुँह है, मतलब हम बोलने से ज्यादा सुन सकते हैं।
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