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घर-घर औषधि योजना में सम्मिलित गुडूची की बहुआयामी उपयोगिता का वैज्ञानिक विश्लेषण
आयुर्वेद की एंटीवायरल औषधियां, जिनमें गुडूची भी शामिल है, पर इन वाइवो,
इन वाइट्रो, और क्लिनिकल अध्ययन हो चुके हैं| ये तमाम प्रकार के वायरल
रोगों से बचे रहने के लिये मददगार हैं| कालमेघ, तुलसी, गुडूची, अश्वगंधा,
चिरायता, शुंठी, वासा, शिग्रू या सहजन, कालीमिर्च, पिप्पली, हरिद्रा,
यष्टिमधु, बिभीतकी, आमलकी, हरीतकी, मुस्ता, पाठा, पुनर्नवा, लहसुन,
शरपुन्खा, कुटज, शल्लकी, पुदीना, त्रिकटु, त्रिफला आदि शोध में एंटीवायरल
सिद्ध हो चुके हैं| बड़ी संख्या में वैद्यों का प्रैक्टिस-बेस्ड एविडेंस या
चिकित्सा-आधारित प्रमाण स्पष्ट करता है एकल औषधि के रूप में या इन औषधियों
के मिश्रण से बने गुडूची के योग तमाम वायरल बुखारों में उपयोगी हैं|
इसके अलावा और भी क्लिनिकल शोध हैं जिनमें गुडूची को उपयोगी पाया गया है| कुछ उदाहरण देखते हैं| कम मात्रा में भी दारू पीने से पुरुषों में सेक्स हार्मोन को होने वाले नुकसान को रोकने में आयुर्वेदिक औषधि गुडूची सहायक है| दारू पीने से बर्बाद मेटाबोलिज्म को ठीक करने में गुडूची सहायक हो सकती है| यकृत को भी ठीक करती है| गुडूची द्वारा बीटा-सेल्स के रिजेनेरेशन की संभावना भी पायी है| डायबिटीज के उपचार की दिशा में एक और प्रमाण यह है कि गुडूची पैन्क्रेआटिक बीटा सेल्स का संरक्षण कर ग्लूकोज चयापचय को नियंत्रित करती है| शुंठी व गुडूची के संयोजन से बना योग 16 प्रकार के जींस व 27 प्रकार के कैन्सर्स को विनियमित करता है। कंकालीय-मांसपेशी से संबंधित विकार आज एक बड़ी समस्या है जो केचेक्सिया, सारकोपीनिया व इम्मोबिलाइजेशन के कारण उत्पन्न होती है। इस समस्या को हल करने में गुडूची उपयोगी पायी गयी है| बच्चों को रोज रोज के इन्फेक्शन से छुटकारा मिल सकता है क्योंकि गुडूची बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है| क्लिनिकल ट्रायल में आमलकी व गुडूची मुख-कैंसर के उपचार में लाभकारी पायी गयीं हैं| गुडूची में क्लिनिकल ट्रायल से यह भी ज्ञात होता है कि यह एलर्जिक रायनाइटिस, जुकाम, बुखार ठीक करने और व्याधिक्षमत्व बढ़ाने में उपयोगी है|
कोविड-19 के विरुद्ध गुडुची की प्रभाविता जाँचने के लिये भारत में अनेक क्लिनिकल ट्रायल्स चल रहे हैं| वस्तुतः गुडूची के पूर्व से सिद्ध एंटीपायरेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफेक्टिव, एंटी-नियोप्लास्टिक और इम्यूनो-मॉड्यूलेटरी प्रभाव कोविड-19 के संदर्भ में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। क्लिनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री ऑफ़ इंडिया में कोविड-19 से बचाव हेतु स्वस्थ किन्तु उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों में गुडूची की भूमिका का परीक्षण करने के लिये एकल औषधि के रूप में गुडूची पर सात क्लिनिकल ट्रायल्स पंजीकृत हैं। इनमें से चार बड़े परीक्षण हैं जिनमें नमूना-आकार 5000 से 40,000 व्यक्ति तक है और पूरे भारत में 20 स्थानों पर ये ट्रायल्स चल रहे हैं। इसके अलावा गुडूची के अन्य द्रव्यों के साथ संयोजन से निर्मित औषधियों पर तीन अन्य क्लिनिकल ट्रायल्स भी चल हैं। इनमें से एक दिल्ली में 50,000 पुलिस कर्मियों पर किया जा रहा है (देखें, एम.वी.वी. राव इत्यादि, इंडियन जर्नल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च, 153(1), 26-63, 2021)।
इसके अलावा और भी क्लिनिकल शोध हैं जिनमें गुडूची को उपयोगी पाया गया है| कुछ उदाहरण देखते हैं| कम मात्रा में भी दारू पीने से पुरुषों में सेक्स हार्मोन को होने वाले नुकसान को रोकने में आयुर्वेदिक औषधि गुडूची सहायक है| दारू पीने से बर्बाद मेटाबोलिज्म को ठीक करने में गुडूची सहायक हो सकती है| यकृत को भी ठीक करती है| गुडूची द्वारा बीटा-सेल्स के रिजेनेरेशन की संभावना भी पायी है| डायबिटीज के उपचार की दिशा में एक और प्रमाण यह है कि गुडूची पैन्क्रेआटिक बीटा सेल्स का संरक्षण कर ग्लूकोज चयापचय को नियंत्रित करती है| शुंठी व गुडूची के संयोजन से बना योग 16 प्रकार के जींस व 27 प्रकार के कैन्सर्स को विनियमित करता है। कंकालीय-मांसपेशी से संबंधित विकार आज एक बड़ी समस्या है जो केचेक्सिया, सारकोपीनिया व इम्मोबिलाइजेशन के कारण उत्पन्न होती है। इस समस्या को हल करने में गुडूची उपयोगी पायी गयी है| बच्चों को रोज रोज के इन्फेक्शन से छुटकारा मिल सकता है क्योंकि गुडूची बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है| क्लिनिकल ट्रायल में आमलकी व गुडूची मुख-कैंसर के उपचार में लाभकारी पायी गयीं हैं| गुडूची में क्लिनिकल ट्रायल से यह भी ज्ञात होता है कि यह एलर्जिक रायनाइटिस, जुकाम, बुखार ठीक करने और व्याधिक्षमत्व बढ़ाने में उपयोगी है|
कोविड-19 के विरुद्ध गुडुची की प्रभाविता जाँचने के लिये भारत में अनेक क्लिनिकल ट्रायल्स चल रहे हैं| वस्तुतः गुडूची के पूर्व से सिद्ध एंटीपायरेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफेक्टिव, एंटी-नियोप्लास्टिक और इम्यूनो-मॉड्यूलेटरी प्रभाव कोविड-19 के संदर्भ में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। क्लिनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री ऑफ़ इंडिया में कोविड-19 से बचाव हेतु स्वस्थ किन्तु उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों में गुडूची की भूमिका का परीक्षण करने के लिये एकल औषधि के रूप में गुडूची पर सात क्लिनिकल ट्रायल्स पंजीकृत हैं। इनमें से चार बड़े परीक्षण हैं जिनमें नमूना-आकार 5000 से 40,000 व्यक्ति तक है और पूरे भारत में 20 स्थानों पर ये ट्रायल्स चल रहे हैं। इसके अलावा गुडूची के अन्य द्रव्यों के साथ संयोजन से निर्मित औषधियों पर तीन अन्य क्लिनिकल ट्रायल्स भी चल हैं। इनमें से एक दिल्ली में 50,000 पुलिस कर्मियों पर किया जा रहा है (देखें, एम.वी.वी. राव इत्यादि, इंडियन जर्नल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च, 153(1), 26-63, 2021)।
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