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लक्षण वाले कोरोना के मरीजों पर 97 प्रतिशत प्रभावी फाइजर वैक्सीन : अध्ययन
न्यूयॉर्क । फाइजर-बायोएनटेक की कोरोनावायरस के खिलाफ बनी वैक्सीन महामारी के स्पष्ट लक्षण वाले मरीजों पर 97 प्रतिशत तक प्रभावी है। दवा कंपनी ने वैक्सीनेशन अभियान के वास्तविक डेटा के आधार पर यह दावा किया है। यह विश्लेषण इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एकत्र किए गए वास्तविक विश्व डेटा के आधार पर निकाला गया है। इजरायल में वैक्सीनेशन अभियान के डेटा के आधार पर यह भी कहा गया है कि बिना लक्षण वाले मामलों में भी वैक्सीन 94 प्रतिशत तक प्रभावशाली है।
फाइजर वैक्सीन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य चिकित्सा अधिकारी लुइस वेमार ने एक बयान में कहा, "हम बेहद प्रोत्साहित हुए हैं कि इजरायल से आने वाले वास्तविक विश्व प्रभावशीलता डेटा हमारे तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण में प्रदर्शित उच्च प्रभावकारिता की पुष्टि कर रहे हैं और कोविड-19 के कारण गंभीर बीमारी और मौतों को रोकने में वैक्सीन के महत्वपूर्ण प्रभाव को दर्शा रहे हैं।"
नवीनतम डेटा विश्लेषण से पता चलता है कि वैक्सीन नहीं लेने वाले व्यक्तियों में लक्षण के साथ कोविड-19 विकसित करने की 44 गुना अधिक संभावना है और इस वायरस जनित बीमारी से मरने की संभावना 29 गुना अधिक है।
कंपनी ने एक बयान में कहा है कि यह व्यापक अध्ययन उन देशों के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपना टीकाकरण अभियान अगले चरण में ले जाने की तैयारी कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक साल पहले कोरोना को महामारी घोषित किया था।
अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने 17 जनवरी से 6 मार्च के बीच इजरायल में वैक्सीनेशन अभियान के डेटा के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। (आईएएनएस)
फाइजर वैक्सीन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य चिकित्सा अधिकारी लुइस वेमार ने एक बयान में कहा, "हम बेहद प्रोत्साहित हुए हैं कि इजरायल से आने वाले वास्तविक विश्व प्रभावशीलता डेटा हमारे तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण में प्रदर्शित उच्च प्रभावकारिता की पुष्टि कर रहे हैं और कोविड-19 के कारण गंभीर बीमारी और मौतों को रोकने में वैक्सीन के महत्वपूर्ण प्रभाव को दर्शा रहे हैं।"
नवीनतम डेटा विश्लेषण से पता चलता है कि वैक्सीन नहीं लेने वाले व्यक्तियों में लक्षण के साथ कोविड-19 विकसित करने की 44 गुना अधिक संभावना है और इस वायरस जनित बीमारी से मरने की संभावना 29 गुना अधिक है।
कंपनी ने एक बयान में कहा है कि यह व्यापक अध्ययन उन देशों के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपना टीकाकरण अभियान अगले चरण में ले जाने की तैयारी कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक साल पहले कोरोना को महामारी घोषित किया था।
अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने 17 जनवरी से 6 मार्च के बीच इजरायल में वैक्सीनेशन अभियान के डेटा के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। (आईएएनएस)
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