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कोरोना के प्रोफिलैक्सिस उपचार के लिए अश्वगंधा का होगा उपयोग
नई दिल्ली । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाईक ने गुरुवार को संयुक्त रूप से कोविड-19 से संबंधित तीन केंद्रीय आयुष मंत्रालय आधारित अध्ययनों का शुभारंभ किया। स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से आयुष मंत्रालय प्रोफिलैक्सिस के रूप में आयुर्वेद हस्तक्षेपों पर नैदानिक अनुसंधान अध्ययन और कोविड-19 की देखभाल के लिए एक ऐड-ऑन के रूप में लॉन्च किया गया है।
इसके लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसने प्रोफिलैक्टिक अध्ययनों के लिए नैदानिक अनुसंधान प्रोटोकॉल तैयार किए हैं और कोविड-19 पॉजिटिव मामलों में रिपोर्ट तैयार की है। इसने चार अलग-अलग आविष्कारों का अध्ययन करने के लिए देश भर के विभिन्न संगठनों के उच्च प्रतिनिधियों की गहन समीक्षा के माध्यम से अश्वगंधा, यष्टिमधु, गुडुची, पिप्पली और एक पॉली हर्बल फॉर्मूला (आयुष -64) पर काम किया जाएगा।
अध्ययन कोविड-19 महामारी के दौरान बढ़े हुए जोखिम के साथ स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं में एसएआरएस-सीओवी-2 के खिलाफ प्रोफिलैक्सिस के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और अश्वगंधा के प्रभाव के बीच तुलना करेगा।
आयुष आधारित रोगनिरोधी हस्तक्षेपों के प्रभाव पर आधारित जनसंख्या आधारित पारंपरिक अध्ययन अब देश भर के 25 राज्यों में आयुष मंत्रालय और राष्ट्रीय संस्थानों के तहत चार अनुसंधान परिषदों के माध्यम से किए जाएंगे और कई राज्य सरकारें लगभग पांच लाख जनसंख्या को कवर करेंगी।
इसके मुख्य उद्देश्यों में कोविड-19 के लिए आयुष हस्तक्षेपों की निवारक क्षमता का आकलन और उच्च जोखिम वाली आबादी में जीवन की गुणवत्ता में सुधार का आकलन करना शामिल है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने गोवा में अच्छी तरह से बीमारी से निपटने के लिए नाइक के प्रयासों की सराहना भी की।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, आपने गोवा को कोरोना मुक्त बना दिया।
उन्होंने कहा, हमें अपनी पारंपरिक दवाओं का उपयोग करने में संकोच नहीं करना चाहिए। अध्ययन बताते हैं कि यहां तक कि चीन ने कोविड-19 रोगियों पर अपनी पारंपरिक दवाओं और उपचार विधियों का उपयोग किया है। (आईएएनएस)
इसके लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसने प्रोफिलैक्टिक अध्ययनों के लिए नैदानिक अनुसंधान प्रोटोकॉल तैयार किए हैं और कोविड-19 पॉजिटिव मामलों में रिपोर्ट तैयार की है। इसने चार अलग-अलग आविष्कारों का अध्ययन करने के लिए देश भर के विभिन्न संगठनों के उच्च प्रतिनिधियों की गहन समीक्षा के माध्यम से अश्वगंधा, यष्टिमधु, गुडुची, पिप्पली और एक पॉली हर्बल फॉर्मूला (आयुष -64) पर काम किया जाएगा।
अध्ययन कोविड-19 महामारी के दौरान बढ़े हुए जोखिम के साथ स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं में एसएआरएस-सीओवी-2 के खिलाफ प्रोफिलैक्सिस के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और अश्वगंधा के प्रभाव के बीच तुलना करेगा।
आयुष आधारित रोगनिरोधी हस्तक्षेपों के प्रभाव पर आधारित जनसंख्या आधारित पारंपरिक अध्ययन अब देश भर के 25 राज्यों में आयुष मंत्रालय और राष्ट्रीय संस्थानों के तहत चार अनुसंधान परिषदों के माध्यम से किए जाएंगे और कई राज्य सरकारें लगभग पांच लाख जनसंख्या को कवर करेंगी।
इसके मुख्य उद्देश्यों में कोविड-19 के लिए आयुष हस्तक्षेपों की निवारक क्षमता का आकलन और उच्च जोखिम वाली आबादी में जीवन की गुणवत्ता में सुधार का आकलन करना शामिल है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने गोवा में अच्छी तरह से बीमारी से निपटने के लिए नाइक के प्रयासों की सराहना भी की।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, आपने गोवा को कोरोना मुक्त बना दिया।
उन्होंने कहा, हमें अपनी पारंपरिक दवाओं का उपयोग करने में संकोच नहीं करना चाहिए। अध्ययन बताते हैं कि यहां तक कि चीन ने कोविड-19 रोगियों पर अपनी पारंपरिक दवाओं और उपचार विधियों का उपयोग किया है। (आईएएनएस)
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