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दिल के दौरे का पता लगाने में मदद कर सकता है नया एआई-एनेबल्ड टूल
नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) बेस्ड सिस्टम विकसित किया है, जो पारंपरिक रिस्क मॉडल्स की तुलना में दिल के दौरों और अन्य कार्डियक इवेंट्स के बारे में बेहतर अनुमान लगा सकता है। रिस्क डिटरमिनेशन एक इमपरफेक्ट साइंस है और फ्रेमिंघम रिस्क स्कोर जैसे लोकप्रिय एक्जिस्टिंग मॉडल्स की सीमाएं हैं। क्योंकि ये कोरोनरी आर्टरीज की कंडीशन को डायरेक्टली कंसीडर नहीं करते हैं।
जर्नल रेडियोलोजी में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार कोरोनरी कंप्यूटेड टोमोग्राफी आर्टिरियोग्राफी (सीसीटीए) हार्ट वेसेल्स की हाईली डिटेल्ड इमेजेज देती है और यह रिस्क एसेसमेंट को रिफाइन करने के लिए प्रोमिसिंग टूल है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज रिपोर्टिंग एंड डेटा सिस्टम (सीएडी-आरएडीएस) के रूप में जाना जाने वाला डिसिजन मेकिंग टूल स्टेनोसेज बढ़ाता है।
सीएडी-आरएडीएस कार्डिएक पेशेंट्स के मैनेजमेंट में इंपोर्टेंट और यूजफुल डवलपमेंट है, इसका स्टेनोसेज पर फोकस आर्टरीज के बारे में इंपोर्टेंट इंफोर्मेशन को लीव आउट कर सकता है। अमेरिका में येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर केविन एम जॉनसन ने यह बात कही।
जर्नल रेडियोलोजी में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार कोरोनरी कंप्यूटेड टोमोग्राफी आर्टिरियोग्राफी (सीसीटीए) हार्ट वेसेल्स की हाईली डिटेल्ड इमेजेज देती है और यह रिस्क एसेसमेंट को रिफाइन करने के लिए प्रोमिसिंग टूल है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज रिपोर्टिंग एंड डेटा सिस्टम (सीएडी-आरएडीएस) के रूप में जाना जाने वाला डिसिजन मेकिंग टूल स्टेनोसेज बढ़ाता है।
सीएडी-आरएडीएस कार्डिएक पेशेंट्स के मैनेजमेंट में इंपोर्टेंट और यूजफुल डवलपमेंट है, इसका स्टेनोसेज पर फोकस आर्टरीज के बारे में इंपोर्टेंट इंफोर्मेशन को लीव आउट कर सकता है। अमेरिका में येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर केविन एम जॉनसन ने यह बात कही।
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