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मकर संक्रांति 2021: मकर संक्रांति पर बनने वाली खिचड़ी का महत्व और विधि

मकर संक्रांति का त्योहार हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में शामिल है,
जो सूर्य के उत्तरायण होने पर मनाया जाता है। इस दिन सूर्य धनु राशि को
छोडक़र मकर राशि में प्रवेश करता है और सूर्य के उत्तरायण की गति प्रारंभ
होती है। इस शुभ असवर पर तिल-गुड़ के
पकवानों के साथ ही दही चूड़ा और खिचड़ी खाने का विशेष महत्व है। मकर
संक्रांति को दक्षिण भारत में पोंगल के रूप में मनाते हैं। वहां पर खास तरह
का प्रसाद या खिचड़ी बनाई जाती है जिसे पोंगल कहा जाता है। यह रवा/सूजी
से बनता है, लेकिन चावल और कुछ सब्जियों को मिलाकर बनने वाली खिचड़ी का भी
अपना एक महत्व है।
खिचड़ी का महत्व ---
मकर संक्रांति को खिचड़ी के रूप में मनाये जाने के पीछे बहुत ही पौराणिक और शास्त्रीय मान्यताएं हैं। मकर संक्रांति के इस पर्व पर खिचड़ी का काफी महत्व है। मकर संक्रांति के अवसर पर कई स्थानों पर खिचड़ी को मुख्य पकवान के तौर पर बनाया जाता है।
खिचड़ी को आयुर्वेद में सुंदर और सुपाच्य भोजन की संज्ञा दी गई है। साथ ही खिचड़ी को स्वास्थ्य के लिए औषधि माना गया है। प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के अनुसार जब जल नेती की क्रिया की जाती है तो उसके पश्चात् केवल खिचड़ी खाने की सलाह दी जाती है।
सामग्री..
एक कप चावल
एक कप मूंग की दाल
आधा कप मटर
आधा कप गोभी
एक छोटी आलू, कटी हुई
एक छोटा टमाटर, कटा हुआ
बारीक कटी हुई 2 हरी मिर्च
आधा छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
एक चुटकी हींग पिसी हुई
एक छोटा चम्मच जीरा
स्वादानुसार नमक
दो-तीन चम्मच घी
एक छोटा चम्मच गरम मसाला
बनाने की विधि...
- मूंग दाल और चावल साफ करके धो लें।
- आंच पर कूकर या बर्तन में घी गरम करें।
- अब घी में जीरे का तडक़ा लगाएं. फिर हरी मिर्च, जीरा, हल्दी और हींग डालकर मध्यम आंच पर एक मिनट तक पकाएं।
- फिर इसमें मटर, आलू, गोभी और कटा हुआ टमाटर डालकर 4-मिनट तक भूनें।
- इसके बाद इसमें दाल और चावल डालकर मिक्स करें।
- फिर इसमें तीन कप पानी, गरम मसाला और नमक डालकर ढक्कन को बंद कर दें। कूकर में 3-4 सीटी आने के बाद आंच बंद कर दें। यदि दूसरे बर्तन में बना रहे हैं 4 कप पानी मिलाएं और ढककर 20-25 मिनट तक पकाएं।
- कूकर का प्रेशर खत्म हो जाए, तो ढक्कन खोल दें।
- अब मूंग दाल की खिचड़ी तैयार है। इसे दही, अचार, चटनी या रायते के साथ खाएं और खिलाएं।
- इसमें पानी थोड़ा ज्यादा रखेंगे तो खिचड़ी पतली बनेगी।
खिचड़ी का महत्व ---
मकर संक्रांति को खिचड़ी के रूप में मनाये जाने के पीछे बहुत ही पौराणिक और शास्त्रीय मान्यताएं हैं। मकर संक्रांति के इस पर्व पर खिचड़ी का काफी महत्व है। मकर संक्रांति के अवसर पर कई स्थानों पर खिचड़ी को मुख्य पकवान के तौर पर बनाया जाता है।
खिचड़ी को आयुर्वेद में सुंदर और सुपाच्य भोजन की संज्ञा दी गई है। साथ ही खिचड़ी को स्वास्थ्य के लिए औषधि माना गया है। प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के अनुसार जब जल नेती की क्रिया की जाती है तो उसके पश्चात् केवल खिचड़ी खाने की सलाह दी जाती है।
सामग्री..
एक कप चावल
एक कप मूंग की दाल
आधा कप मटर
आधा कप गोभी
एक छोटी आलू, कटी हुई
एक छोटा टमाटर, कटा हुआ
बारीक कटी हुई 2 हरी मिर्च
आधा छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
एक चुटकी हींग पिसी हुई
एक छोटा चम्मच जीरा
स्वादानुसार नमक
दो-तीन चम्मच घी
एक छोटा चम्मच गरम मसाला
बनाने की विधि...
- मूंग दाल और चावल साफ करके धो लें।
- आंच पर कूकर या बर्तन में घी गरम करें।
- अब घी में जीरे का तडक़ा लगाएं. फिर हरी मिर्च, जीरा, हल्दी और हींग डालकर मध्यम आंच पर एक मिनट तक पकाएं।
- फिर इसमें मटर, आलू, गोभी और कटा हुआ टमाटर डालकर 4-मिनट तक भूनें।
- इसके बाद इसमें दाल और चावल डालकर मिक्स करें।
- फिर इसमें तीन कप पानी, गरम मसाला और नमक डालकर ढक्कन को बंद कर दें। कूकर में 3-4 सीटी आने के बाद आंच बंद कर दें। यदि दूसरे बर्तन में बना रहे हैं 4 कप पानी मिलाएं और ढककर 20-25 मिनट तक पकाएं।
- कूकर का प्रेशर खत्म हो जाए, तो ढक्कन खोल दें।
- अब मूंग दाल की खिचड़ी तैयार है। इसे दही, अचार, चटनी या रायते के साथ खाएं और खिलाएं।
- इसमें पानी थोड़ा ज्यादा रखेंगे तो खिचड़ी पतली बनेगी।
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