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सिर्फ नाम का रिश्ता नहीं होता शादी, होते हैं बेशुमार फायदे, देखें...
शादी
नए जीवन की शुरूआत होती है और हम अनेक सपने संजोए गृहस्थ जीवन में प्रवेश
करते हैं। इसलिए हम तो यही कहेगे जनाब कि शादी वो लड्डू है जो खाए पछताए जो
न खाए वो भी पछताए, इसलिए एक तो इसे चख कर जरूर देखिए हो सकता है इसका
स्वाद आपको रास आ जाए। विवाह एक सामाजिक बंधन है और मानव जीवन का सबसे
महत्वपूर्ण रिश्ता। हिंदू व इस्लाम धर्मशास्त्रों में विवाह या निकाह को
पवित्र, मधुर और जटिल रिश्ता माना गया है। यानि विवाह दो इंसानों का मिलन
रूपी समझौता है,जिसे संस्कार और रीति-रिवाज परिपूर्ण बनाते हैं। विवाह जीवन
का महत्वपूर्ण सत्य है इसलिए एक-दूसरे की भावनाओं को समझने की शक्ति, जीवन
भर साथ रहने की प्रतिबद्धता विवाह को समाज के साथ जोडकर चलती है।
क्यों जरूरी है विवाह
विवाह समाज व संस्करों का सामंजस्य भी है। वैवाहिक जीवन की नींव इन्हीं संस्कारों, विश्वास व भावनाओं पर टिकी होती है इसलिए समर्पण, प्रेम, विश्वास, सम्मान विवाह नामक अनुबंध को सफल बनाते हैं। इसलिए विवाह जरूरी है। इस बारे में मैरिज काउंसलर व मनोचिकित्सको का मानना है कि इसके अलावा भी कई कारण हैं जिसके लिए विवाह का होना बहुत महत्वपूर्ण है।
विवाह यथार्थवादी संस्था है :
प्रेम आदर्श व कल्पना हो सकती है लेकिन शादी एक यथार्थवादी संस्था है। दो अलग-अलग व्यक्ति जब समान उद्देश्यों की खातिर साथ रहते हैं तो एक संतुलित सामाजिक व्यवस्था बनती है और जीवन आगे बढता है। इसी जीवन को आगे बढाने के लिए शादी महत्वपूर्ण है। जिंदगी में एक नया बदलाव आता है : शादी जीवन में एक बहुत बडा बदलाव लाती है। एक लडकी का घर-परिवार, रिश्ते, रहन-सहन, खान-पान, आदतें, माहोल सभी कुछ बदल जाता है। वहीं लडका भी बहुत सी नई जिम्मेदारियो में बंध जाता है, उसे अपना परिवार शुरू करना होता है। वह पहले से कहीं ज्यादा मैच्योर बन जाता है।
क्यों जरूरी है विवाह
विवाह समाज व संस्करों का सामंजस्य भी है। वैवाहिक जीवन की नींव इन्हीं संस्कारों, विश्वास व भावनाओं पर टिकी होती है इसलिए समर्पण, प्रेम, विश्वास, सम्मान विवाह नामक अनुबंध को सफल बनाते हैं। इसलिए विवाह जरूरी है। इस बारे में मैरिज काउंसलर व मनोचिकित्सको का मानना है कि इसके अलावा भी कई कारण हैं जिसके लिए विवाह का होना बहुत महत्वपूर्ण है।
विवाह यथार्थवादी संस्था है :
प्रेम आदर्श व कल्पना हो सकती है लेकिन शादी एक यथार्थवादी संस्था है। दो अलग-अलग व्यक्ति जब समान उद्देश्यों की खातिर साथ रहते हैं तो एक संतुलित सामाजिक व्यवस्था बनती है और जीवन आगे बढता है। इसी जीवन को आगे बढाने के लिए शादी महत्वपूर्ण है। जिंदगी में एक नया बदलाव आता है : शादी जीवन में एक बहुत बडा बदलाव लाती है। एक लडकी का घर-परिवार, रिश्ते, रहन-सहन, खान-पान, आदतें, माहोल सभी कुछ बदल जाता है। वहीं लडका भी बहुत सी नई जिम्मेदारियो में बंध जाता है, उसे अपना परिवार शुरू करना होता है। वह पहले से कहीं ज्यादा मैच्योर बन जाता है।
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