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यहां जानें, शरीर के लिए कितना सही होता है दही
खाने में यदि दही न हो तो खाना पूर्ण नहीं होता। यज्ञ, हवन, विवाह संस्कार
तथा मंदिरों में प्रसाद आदि के मांगलिक अवसरों पर दही का प्रयोग होता रहा
है। वहीं
दही को सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इसमें कुछ ऎसे रासायनिक
पदार्थ होते हैं, जिसके कारण यह दूध की अपेक्षा जल्दी पच जाता है। जिन
लोगों को पेट की परेशानियां जैसे- अपच, कब्ज, गैस बीमारियां घेरे रहती हैं,
उनके लिए दही या उससे बनी लस्सी, मटा, छाछ का उपयोग करने से आंतों की गरमी
दूर हो जाती है। डाइजेशन अच्छी तरह से होने लगता है और भूख खुलकर लगती है।
विशेषज्ञों ने निष्कर्ष निकाला है कि दही के नियमित सेवन से आंतों के रोग और पेट की बीमारियां नहीं होती हैं तथा कई प्रकार के विटामिन बनने लगते हैं। दही में जो बैक्टीरिया होते हैं, वे लेक्टेज बैक्टीरिया उत्पन्न करते हैं।
विशेषज्ञों ने निष्कर्ष निकाला है कि दही के नियमित सेवन से आंतों के रोग और पेट की बीमारियां नहीं होती हैं तथा कई प्रकार के विटामिन बनने लगते हैं। दही में जो बैक्टीरिया होते हैं, वे लेक्टेज बैक्टीरिया उत्पन्न करते हैं।
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