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मानसिक तनाव के चलते बच्चे उठाते हैं गलत कदम, अवसाद में जाने से बचाएँ

khaskhabar.com : बुधवार, 10 अगस्त 2022 12:38 PM (IST)
मानसिक तनाव के चलते बच्चे उठाते हैं गलत कदम, अवसाद में जाने से बचाएँ
कोरोना महामारी के बाद लोगों पर दो प्रकार का असर देखने को मिल रहा है। पहला असर हुआ है आर्थिक स्तर पर, देश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, साथ ही महंगाई की मार ने जीना हराम कर दिया है। दूसरा असर लोगों के मानसिक स्तर पर पड़ा है। आज हर व्यक्ति के तनाव पर तनाव नजर आता है। वह अपनी कमाई और काम को लेकर चिंता में है। बड़ों का यह असर अब बच्चों पर अपना प्रभाव दिखा रहा है। बड़े जहाँ काम के बोझ और समय की कमी की वजह से तनाव में हैं, उसी तरह बच्चों की जिंदगी में भी कई ऐसे कारण बनते हैं कि वे अवसाद में आ जाते हैं और मानसिक तनाव के कारण गलत कदम उठा लेते हैं। अवसाद में बच्चे आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं। ऐसे में बच्चों को इस समस्या से बाहर निकालकर उन्हें बिलकुल तनावमुक्त रखना माता-पिता का काम है।
आज हम अपने पाठकों को कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से बच्चों के मानसिक तनाव को दूर करने में सहायता मिल सकती है। आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है बस रोजाना के रूटीन पर ध्यान देने की जरूरत हैं।

मानसिक तनाव के कारणों को जानें
बहुत से माता-पिता अपने बच्चों में मानसिक तनाव को सही तरह से कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। बड़े-बूढ़ों को जब मानसिक तनाव होता है तो वे अपनी समझदारी से उसे नियंत्रित कर सकते हैं लेकिन, बच्चों में जब मानसिक तनाव आता है, तो वह रोने-चीखने लगते हैं। जमीन पर लेट-लेट कर जोर-जोर से पैर मारने लगते हैं। कई बार बच्चों में मानसिक तनाव इतना बढ़ जाता है कि वे खुद को चोट पहुंचाने से भी नहीं डरते हैं। ऐसी स्थिति में आपको सबसे पहले अपने बच्चों के साथ दोस्त जैसा व्यवहार करने की आदत डालनी होगी। ताकि बच्चों में आपका भय नहीं, बल्कि आपके प्रति झुकाव हो कि आप उनकी समस्या से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। बच्चों को खुले मन से अपने विचार और भावों को व्यक्त करने दें।

बच्चों पर अतिरिक्त दबाव न डालें

बच्चों की परवरिश के बारे में माता-पिता के बीच यह आम धारणा बन गई है कि बच्चा जितना अधिक अतिरिक्त गतिविधियों में भाग लेगा, उसका भविष्य उतना ही बेहतर होगा। इसमें कोई संदेह नहीं है कि बच्चे को पढ़ाई के अलावा खेल और अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने से उसके मनोविज्ञान में बहुत बदलाव आता है। हालांकि, स्कूल, ट्यूशन और होमवर्क में बच्चे के समय में हर समय बिताया जाता है। इसके अलावा, यदि अतिरिक्त गतिविधियों को रखा जाता है, तो बच्चे को खुद के लिए भी समय नहीं मिलता है और कभी-कभी उसकी नींद पूरी नहीं होती है।

घर का माहौल अच्छा बनाए रखें

यह देखा जाता है कि बच्चे के दिमाग का बच्चों के पर्यावरण पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है। इस घर के सदस्य और माता-पिता कभी-कभी इसे हल्के में लेते हैं और यह बाद में बच्चों की समस्याओं का कारण बन जाता है। घर के अंदर या बच्चों के पास कोई ऐसी बात न करें, जिससे उन्हें गुस्सा आए। बच्चों के मानसिक तनाव को दूर करने के लिए यह जरूरी है कि आप उनकी मानसिक स्थिति को समझें और उनसे बात करें। ऐसा करने से उनका तनाव कम होगा।

ना कहना सिखाएं
बच्चों के जीवन में तनाव को कम करने के सबसे शक्तिशाली तरीकों में से एक यह है कि जिन चीजों को आप वास्तव में नहीं करना चाहते हैं उन्हें आप तुरंत न कह देना चाहिए। आप अपने बच्चों को खुद को चीजों के लिए सहमत करने की क्षमता दें, क्योंकि इससे आपका बच्चे बुरा महसूस करते हैं। इस तरह से आप अपने बच्चों पर किसी भी तरह का दबाव न डालें इससे आपके बच्चे पर अनावश्यक तनाव पैदा हो सकता है। इसलिए आपको अपने बच्चे की उन चीजों को कम करना चाहिए जिससे वो परेशान रहते हैं।

रूटीन में करे बदलाव
बच्चा यदि टेंशन में है तो उसे फौरन उस कंडिशन से बाहर लाने की कोशिश शुरू कर देनी चाहिए। इसके लिए आप उसे किसी डांस क्लास, स्विमिंग आदि जैसी एक्टिविटी में आगे बढ़ा सकते हैं। उसे बाहर घुमाने ले जा सकते हैं। इस तरह से रूटीन में बदलाव करने से उसका ध्यान दूसरी जगहों पर जाएगा और टेंशन में कमी आएगी।

बच्चों के साथ समय बिताएं
आजकल ज्यादातर पेरेंट्स वर्किंग है जिस वजह से वे अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं। लेकिन अपने टाइमटेबल में बच्चों के लिए भी समय निर्धारित करें। उनके लिए एक कंफरटेबल एन्वायरोमेंट बनाएं जहां वे अपनी किसी भी परेशानी के बारे में चर्चा करने में संकोच न करें। बच्चे अपनी हर दुविधा के बारे में आपसे खुलकर बात करें। बच्चे की परेशानी को समझें और उसे दूर करने की कोशिश करें। अपने बच्चे के तनाव को दूर करने के लिए आपको समझदारी से कदम उठाना होगा।

समय से सोने और जागने की आदत बनाए
अच्छी और पूरी नींद हमारी सेहत के लिए बहुत ही जरूरी है, ये हमे स्वस्थ रखने के साथ ही तनावमुक्त रखने का काम करती है। इसलिए बच्चों को ज्यादा देर रात तक पढ़ाई करने से रोकें और समय से उन्हें सोने की सलाह दें। इसके साथ ही आप उन्हें सुबह समय से उठा दें, जिससे कि वो समय से उठकर खुद को तरोताजा और तनामुक्त महसूस कर सकें। सुबह आप अपने बच्चों को एक्सरसाइज करने और वॉक करने के लिए जरूर कहें। ये उनकी दिनचर्या को बेहतर करने का काम करता है।

यह लेखक के अपने विचार हैं। जरूरी नहीं है कि आप इनसे सहमत हों।


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