Advertisement
नवजात से लेकर 18 साल तक के बच्चे बड़ी संख्या में हो रहे हैं कैंसर के शिकार, यहां जानें लक्षण
नई दिल्ली। बचपन में होने वाली बीमारियों में कैंसर मौत के सबसे बड़े कारण के रूप में उभरा है। हर साल, नवजात से लेकर 18 साल तक के बच्चे बड़ी संख्या में कैंसर के शिकार हो रहे हैं। बच्चों में कैंसर के लक्षण कई बार सीधे तौर पर परिलक्षित नहीं होते, जिस कारण इस जानलेवा बीमारी का पता देरी से चलता है। हालांकि कुछ तरीके हैं, जिन पर गौर किया जाए तो इस बीमारी का पता जल्दी भी लगाया जा सकता है।
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के पीडियाट्रिक हीमोटोलॉजी, ओंकोलॉजी और बोनमैरो ट्रांसप्लांट के एडिशनल डायरेक्टर और एचओडी डॉ. विकास दुआ ने बच्चों में होने वाले चार प्रमुख कैंसर और उनके लक्षणों के बारे में बताया।
एक्यूट ल्यूकेमिया : ल्यूकेमिया बच्चों में होने वाला सबसे आम कैंसर है। आमतौर पर यह दो से चार साल की उम्र के बच्चों को अपनी चपेट में लेता है। ल्यूकेमिया बोनमैरो यानी अस्थिमज्जा का कैंसर है। ल्यूकेमिया के शिकार बच्चों में चार में से तीन मामले एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया के होते हैं। वहीं बचा हुआ एक केस एक्यूट मिलॉइड ल्यूकेमिया का होता है।
ल्यूकेमिया के लक्षण : हड्डी और जोड़ों में दर्द, थकान, कमजोरी, रक्तस्राव, लंबे समय तक बुखार, वजन कम होना।
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के पीडियाट्रिक हीमोटोलॉजी, ओंकोलॉजी और बोनमैरो ट्रांसप्लांट के एडिशनल डायरेक्टर और एचओडी डॉ. विकास दुआ ने बच्चों में होने वाले चार प्रमुख कैंसर और उनके लक्षणों के बारे में बताया।
एक्यूट ल्यूकेमिया : ल्यूकेमिया बच्चों में होने वाला सबसे आम कैंसर है। आमतौर पर यह दो से चार साल की उम्र के बच्चों को अपनी चपेट में लेता है। ल्यूकेमिया बोनमैरो यानी अस्थिमज्जा का कैंसर है। ल्यूकेमिया के शिकार बच्चों में चार में से तीन मामले एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया के होते हैं। वहीं बचा हुआ एक केस एक्यूट मिलॉइड ल्यूकेमिया का होता है।
ल्यूकेमिया के लक्षण : हड्डी और जोड़ों में दर्द, थकान, कमजोरी, रक्तस्राव, लंबे समय तक बुखार, वजन कम होना।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
यह भी प�?े
Advertisement
लाइफस्टाइल
Advertisement