Advertisement
अब ग्लूकोज मीटर लगाएगा शरीर में कोविड की एंटीबॉडीज का पता
न्यूयॉर्क । अमेरिकी शोधकर्ताओं के एक दल ने ग्लूकोज मीटर आधारित एक ऐसा टेस्ट विकसित किया है, जो हमारे शरीर में कोविड-19 के खिलाफ तैयार एंटीबॉडीज का पता लगाएगा। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी, एमआईटी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि कोविड -19 से संक्रमित होने का पता ओवर द काउंटर टेस्ट से चल जाता है लेकिन अगर किसी व्यक्ति का टेस्ट रिजल्ट पॉजीटिव आए तो घर पर यह टेस्ट नहीं किया जा सकता है कि उसके शरीर में कितने समय तक एंटीबॉडीज सक्रिय हैं।
ऐसा इसलिए है क्योंकि कोविड टीका भविष्य के संक्रमणों से कुछ समय के लिए रक्षा कर सकता है लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाता है कि यह सुरक्षा कितने समय के लिए होगी।
व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडीज के स्तर से पता चलता है कि वह संक्रमण से कितना सुरक्षित है लेकिन इसका पता लगाने के लिए एंजाइम संबंधित इम्युनोसॉरबेंट एसे (एलिसा) टेस्ट कराना होता है। इस टेस्ट के लिए महंगे उपकरण और विशेष तकनीशियनों की आवश्यकता होती है।
जर्नल ऑफ द अमेरिकन केमिकल सोसाइटी में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि नए आसानी से उपलब्ध ग्लूकोज मीटर का उपयोग इसके लिए किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने एक नया फ्यूजन प्रोटीन तैयार किया , जिसमें इनवर्टेज और माउस एंटीबॉडी दोनों शामिल हैं और जो इंसान के इम्यूनोग्लोबुलिन (आईजीजी) एंटीबॉडी से बंधे हैं। उन्होंने दिखाया कि फ्यूजन प्रोटीन इंसान के आईजीजी से जुड़ा हुआ है और सुक्रोज से सफलतापूर्वक ग्लूकोज का उत्पादन करता है।
इसके बाद टीम ने उन पर सार्स-कोविड-2 स्पाइक प्रोटीन के साथ परीक्षण स्ट्रिप्स बनाए। कोविड -19 से संक्रमित मरीजों के नमूनों में जब उसे डुबोया तो एंटीबॉडी स्पाइक प्रोटीन से जुड़ जाते हैं।
इनवर्टेज/आईजीजी फ्यूजन प्रोटीन और फिर सुक्रोज को जोड़ने से ग्लूकोज का उत्पादन होगा, जिसे ग्लूकोज मीटर द्वारा पता लगाया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि इस विधि को सार्स-कोविड-2 वैरिएंट और अन्य संक्रामक रोगों के परीक्षण के लिए भी अनुकूलित किया जा सकता है।
--आईएएनएस
ऐसा इसलिए है क्योंकि कोविड टीका भविष्य के संक्रमणों से कुछ समय के लिए रक्षा कर सकता है लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाता है कि यह सुरक्षा कितने समय के लिए होगी।
व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडीज के स्तर से पता चलता है कि वह संक्रमण से कितना सुरक्षित है लेकिन इसका पता लगाने के लिए एंजाइम संबंधित इम्युनोसॉरबेंट एसे (एलिसा) टेस्ट कराना होता है। इस टेस्ट के लिए महंगे उपकरण और विशेष तकनीशियनों की आवश्यकता होती है।
जर्नल ऑफ द अमेरिकन केमिकल सोसाइटी में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि नए आसानी से उपलब्ध ग्लूकोज मीटर का उपयोग इसके लिए किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने एक नया फ्यूजन प्रोटीन तैयार किया , जिसमें इनवर्टेज और माउस एंटीबॉडी दोनों शामिल हैं और जो इंसान के इम्यूनोग्लोबुलिन (आईजीजी) एंटीबॉडी से बंधे हैं। उन्होंने दिखाया कि फ्यूजन प्रोटीन इंसान के आईजीजी से जुड़ा हुआ है और सुक्रोज से सफलतापूर्वक ग्लूकोज का उत्पादन करता है।
इसके बाद टीम ने उन पर सार्स-कोविड-2 स्पाइक प्रोटीन के साथ परीक्षण स्ट्रिप्स बनाए। कोविड -19 से संक्रमित मरीजों के नमूनों में जब उसे डुबोया तो एंटीबॉडी स्पाइक प्रोटीन से जुड़ जाते हैं।
इनवर्टेज/आईजीजी फ्यूजन प्रोटीन और फिर सुक्रोज को जोड़ने से ग्लूकोज का उत्पादन होगा, जिसे ग्लूकोज मीटर द्वारा पता लगाया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि इस विधि को सार्स-कोविड-2 वैरिएंट और अन्य संक्रामक रोगों के परीक्षण के लिए भी अनुकूलित किया जा सकता है।
--आईएएनएस
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
यह भी प�?े
Advertisement
लाइफस्टाइल
Advertisement