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एसराइड ने कम्युनिटीज की मदद करने के लिये एसनेबर फीचर लॉन्च किया
मुम्बई| कम्युनिटीज बनाने के लिये समान सोच वाले लोगों का एक प्लेटफॉर्म बनाने के लक्ष्य से शुरू भारत की सबसे बड़ी कारपूलिंग एप एसराइड ने शुक्रवार को एसनेबर के लॉन्च की घोषणा की है। यह अनूठी लोकेशन-बेस्ड डिस्कवरी एप इस कठिन समय में पड़ोसियों को मदद लेने और जरूरतमंदों को सहयोग देने में सक्षम बनाती है। कई परिवार पीड़ित हैं और उन्हें भोजना, किराना, दवा और जीवन बचाने वाले उपकरणों के रूप में मदद चाहिये।
एसनेबर्स पके हुए भोजन, किराना, दवाओं से एक-दूसरे की मदद करेंगे और दवा, ऑक्सीजन टैंक, हॉस्पिटल बेड, टीके वाले टीका केन्द्रों पर जानकारी साझा करेंगे और टीका केन्द्रों तक पहुंचने, आदि की पेशकश करेंगे। जरूरतमंद लोग केवल एक बटन को क्लिक कर सहयोग देने वाले लोगों और पड़ोसियों के संपर्क में आ सकेंगे।
कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने एक बार फिर देश को ठप कर दिया है और स्वास्थ्य अवसंरचना पर भारी बोझ डाल दिया है। अस्पतालों में बेड्स की कमी और ऑक्सीजन आपूर्ति के अभाव पर होने वाली चर्चाओं ने लोगों को सहयोग के लिये हड़बड़ी में दौड़ने पर मजबूर कर दिया है। कई क्षेत्रों में कठोर लॉकडाउन के कारण किराना, दवा और अस्पतालों तक परिवहन जैसी जरूरतें भी प्रभावित लोगों के लिये समस्या बन गई हैं।
एंड्रॉइड प्ले स्टोर पर लॉन्च होने के बाद मिनटों में ही एसनेबर फीचर को 100 से ज्यादा रजिस्ट्रेशंस मिल चुके हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत लोगों ने पोस्ट किया है कि वे दवा, पका हुआ भोजन, किराना और टीका केन्द्रों तक परिवहन द्वारा मदद कर सकते हैं। इस काम में वैश्विक सॉफ्टवेयर कंपनियों ईपीएएम और थॉटवर्क्स ने शामिल होकर अपने कर्मचारियों को जरूरत के मुताबिक मदद देने और लेने के लिये इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने के लिये प्रोत्साहित किया है।
इस लॉन्च पर एसराइड की को-फाउंडर लक्षणा झा ने कहा, ''कोविड-19 के कारण तेजी से बदल रही परिस्थितियों में यह देखना सुखद है कि लोग और समुदाय एकजुट हो रहे हैं, ताकि एक-दूसरे की मदद कर सकें। एसनेबर के लिये हमने अपने मौजूदा टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर और 2 मिलियन से ज्यादा यूजर्स के नेटवर्क को इस तरह जोड़ा है कि उसका जमीनी स्तर पर सकारात्मक प्रभाव हो सकता है। हमारी मंशा एकजुट होने और कम्युनिटीज बनाने के लिये लोगों को प्लेटफॉर्म देने की है, जहां वे एक-दूसरे से जुड़कर मदद और सहयोग साझा कर सकें। हमारा पक्का मानना है कि सामाजिक प्राणी होने के नाते सभी मानवों को सर्वाइव करने के लिये एक-दूसरे की जरूरत है। और हमें उम्मीद है कि यह प्लेटफॉर्म इस कठिन समय से उभरने में यूजर्स की मदद कर उस उद्देश्य का पूरक बनेगा।''
--आईएएनएस
एसनेबर्स पके हुए भोजन, किराना, दवाओं से एक-दूसरे की मदद करेंगे और दवा, ऑक्सीजन टैंक, हॉस्पिटल बेड, टीके वाले टीका केन्द्रों पर जानकारी साझा करेंगे और टीका केन्द्रों तक पहुंचने, आदि की पेशकश करेंगे। जरूरतमंद लोग केवल एक बटन को क्लिक कर सहयोग देने वाले लोगों और पड़ोसियों के संपर्क में आ सकेंगे।
कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने एक बार फिर देश को ठप कर दिया है और स्वास्थ्य अवसंरचना पर भारी बोझ डाल दिया है। अस्पतालों में बेड्स की कमी और ऑक्सीजन आपूर्ति के अभाव पर होने वाली चर्चाओं ने लोगों को सहयोग के लिये हड़बड़ी में दौड़ने पर मजबूर कर दिया है। कई क्षेत्रों में कठोर लॉकडाउन के कारण किराना, दवा और अस्पतालों तक परिवहन जैसी जरूरतें भी प्रभावित लोगों के लिये समस्या बन गई हैं।
एंड्रॉइड प्ले स्टोर पर लॉन्च होने के बाद मिनटों में ही एसनेबर फीचर को 100 से ज्यादा रजिस्ट्रेशंस मिल चुके हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत लोगों ने पोस्ट किया है कि वे दवा, पका हुआ भोजन, किराना और टीका केन्द्रों तक परिवहन द्वारा मदद कर सकते हैं। इस काम में वैश्विक सॉफ्टवेयर कंपनियों ईपीएएम और थॉटवर्क्स ने शामिल होकर अपने कर्मचारियों को जरूरत के मुताबिक मदद देने और लेने के लिये इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने के लिये प्रोत्साहित किया है।
इस लॉन्च पर एसराइड की को-फाउंडर लक्षणा झा ने कहा, ''कोविड-19 के कारण तेजी से बदल रही परिस्थितियों में यह देखना सुखद है कि लोग और समुदाय एकजुट हो रहे हैं, ताकि एक-दूसरे की मदद कर सकें। एसनेबर के लिये हमने अपने मौजूदा टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर और 2 मिलियन से ज्यादा यूजर्स के नेटवर्क को इस तरह जोड़ा है कि उसका जमीनी स्तर पर सकारात्मक प्रभाव हो सकता है। हमारी मंशा एकजुट होने और कम्युनिटीज बनाने के लिये लोगों को प्लेटफॉर्म देने की है, जहां वे एक-दूसरे से जुड़कर मदद और सहयोग साझा कर सकें। हमारा पक्का मानना है कि सामाजिक प्राणी होने के नाते सभी मानवों को सर्वाइव करने के लिये एक-दूसरे की जरूरत है। और हमें उम्मीद है कि यह प्लेटफॉर्म इस कठिन समय से उभरने में यूजर्स की मदद कर उस उद्देश्य का पूरक बनेगा।''
--आईएएनएस
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