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रेमडेसिविर इंजेक्शन देने का झांसा देकर जरूरतमंदों को ठगने वाला UP से गिरफ्तार
नई दिल्ली/सीतापुर। दिल्ली पुलिस ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के सीतापुर से एक मजदूर को रेमडेसिविर इंजेक्शन मुहैया कराने के बदले जरूरतमंदों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) आर.पी. मीणा ने कहा कि कालकाजी पुलिस स्टेशन के कर्मचारियों ने सुधीर कुमार यादव को एक महिला को एक कोविड रोगी के इलाज के लिए आवश्यक रेमडेसिविर इंजेक्शन मुहैया कराने के बहाने रुपये ऐंठकर धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया।
उन्होंने कहा कि 13 मई को शिकायतकर्ता पूजा गुप्ता अपनी शिकायत दर्ज कराने कालकाजी पुलिस स्टेशन गई थीं, जहां उन्होंने बताया कि 29 अप्रैल को उनकी भाभी को कोविड पॉजिटिव घोषित किया गया और उनकी हालत गंभीर है। उनकी भाभी को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था और इलाज के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की तत्काल आवश्यकता थी।
पूजा ने अपनी शिकायत में कहा, "व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से मुझे एक व्यक्ति का मोबाइल नंबर मिला, जिसने 9,000 रुपये में 6 रेमडेसिविर इंजेक्शन देने का आश्वासन दिया और इसके लिए अग्रिम रूप से 20,000 रुपये की मांग की और शेष 34,000 रुपये का भुगतान किया जाना था।"
मीणा ने बताया कि शिकायतकर्ता ने एक मई को आरोपी द्वारा उपलब्ध कराए गए अकाउंट नंबर में 20 हजार रुपये ट्रांसफर किए।
उन्होंने कहा कि यादव ने अपने सह-आरोपियों का नंबर दिया और शिकायतकर्ता से कहा कि वह उसे इंजेक्शन देंगे।
डीसीपी ने कहा कि संपर्क करने पर डिलीवरी बॉय ने कहा कि उसका नाम सनी है और शिकायतकर्ता को दो दिनों तक उलझाता रहा कि वह इटावा में फंस गया है और जल्द ही इंजेक्शन देने आएगा। उसके बाद दोनों ने अपने फोन बंद कर दिए और इस तरह शिकायतकर्ता को धोखा दिया।
उन्होंने बताया कि पीएस कालकाजी में मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू की गई है।
मीणा ने कहा कि एक टीम ने आरोपी व्यक्तियों के फोन नंबरों के विवरण का विश्लेषण करना शुरू कर दिया है।
यादव के फोन नंबर का लोकेशन लखनऊ में मिला। हालांकि, डिलीवरी बॉय के फोन नंबर का एड्रेस प्रूफ हरिद्वार का मिला, लेकिन आईडी में दिए गए एक वैकल्पिक नंबर के जरिए पुलिस ने डिलीवरी बॉय के लोकेशन का पता लगाया तो वह सीतापुर में था।
डीसीपी ने कहा कि टीम ने सीतापुर लोकेशन पर छापा मारा और यादव को पकड़ लिया गया। (आईएएनएस)
उन्होंने कहा कि 13 मई को शिकायतकर्ता पूजा गुप्ता अपनी शिकायत दर्ज कराने कालकाजी पुलिस स्टेशन गई थीं, जहां उन्होंने बताया कि 29 अप्रैल को उनकी भाभी को कोविड पॉजिटिव घोषित किया गया और उनकी हालत गंभीर है। उनकी भाभी को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था और इलाज के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की तत्काल आवश्यकता थी।
पूजा ने अपनी शिकायत में कहा, "व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से मुझे एक व्यक्ति का मोबाइल नंबर मिला, जिसने 9,000 रुपये में 6 रेमडेसिविर इंजेक्शन देने का आश्वासन दिया और इसके लिए अग्रिम रूप से 20,000 रुपये की मांग की और शेष 34,000 रुपये का भुगतान किया जाना था।"
मीणा ने बताया कि शिकायतकर्ता ने एक मई को आरोपी द्वारा उपलब्ध कराए गए अकाउंट नंबर में 20 हजार रुपये ट्रांसफर किए।
उन्होंने कहा कि यादव ने अपने सह-आरोपियों का नंबर दिया और शिकायतकर्ता से कहा कि वह उसे इंजेक्शन देंगे।
डीसीपी ने कहा कि संपर्क करने पर डिलीवरी बॉय ने कहा कि उसका नाम सनी है और शिकायतकर्ता को दो दिनों तक उलझाता रहा कि वह इटावा में फंस गया है और जल्द ही इंजेक्शन देने आएगा। उसके बाद दोनों ने अपने फोन बंद कर दिए और इस तरह शिकायतकर्ता को धोखा दिया।
उन्होंने बताया कि पीएस कालकाजी में मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू की गई है।
मीणा ने कहा कि एक टीम ने आरोपी व्यक्तियों के फोन नंबरों के विवरण का विश्लेषण करना शुरू कर दिया है।
यादव के फोन नंबर का लोकेशन लखनऊ में मिला। हालांकि, डिलीवरी बॉय के फोन नंबर का एड्रेस प्रूफ हरिद्वार का मिला, लेकिन आईडी में दिए गए एक वैकल्पिक नंबर के जरिए पुलिस ने डिलीवरी बॉय के लोकेशन का पता लगाया तो वह सीतापुर में था।
डीसीपी ने कहा कि टीम ने सीतापुर लोकेशन पर छापा मारा और यादव को पकड़ लिया गया। (आईएएनएस)
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