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जयपुर में कपड़ा चोर गिरोह का पर्दाफाश, सात बदमाश गिरफ्तार
जयपुर। सांगानेर थाना पुलिस ने फैक्ट्रियों से कपड़ा चोरी करने वाले गिरोह का सोमवार को पर्दाफास किया है। पुलिस ने गिरोह के सात बदमाशों को गिरफ्तार कर लाखों रुपए का चोरी का कपड़ा बरामद किया है। पुलिस फिलहाल आरोपितों से पूछताछ कर रही है।
डीसीपी (ईस्ट) डॉ. राहुल जैन ने बताया कि कपड़ा चोर गिरोह के बदमाश दीपक सोनी (32) निवासी सेक्टर-35 मालपुरा गेट सांगानेर, अशोक कुमार साहू (47) निवासी मानाखेडा अलवर हाल जेडीए कॉलोनी गोविन्दपुरा सांगानेर सदर, मुकेश कुमार मिश्रा (22) निवासी सेक्टर-3 प्रताप नगर सांगानेर, रामेश्वर शर्मा (39) निवासी सेक्टर-19 प्रताप नगर सांगानेर, अफसर (29) निवासी आगरा उत्तरप्रदेश हाल गोविन्दपुरा सांगानेर सदर, रामप्रसाद छीपा (38) निवासी सावित्री नगर प्रतापनगर सांगानेर और लेखराज नामा (22) निवासी नाहरगढ रोड को गिरफ्तार किया गया है।
आरोपित अफसर, रामप्रसाद छीपा व लेखराज नामा चोरी का कपड़े के खरीदार है। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में कैद हुए संदिग्ध दो ऑटोरिक्शा के आधार पर कपड़ा चोर गिरोह का पकड़ा गया। जिनके कब्जे से करीब 35 लाख रुपए कीमत का कपड़ा बरामद किया गया है। पूछताछ में आरोपितों ने बरामद कपड़ा तीन फैक्ट्रियों से चोरी करना स्वीकार किया है। रैकी के बाद ही गिरोह वारदात को अंजाम देता, वह उस रास्ते से निकलता था, जहां सीसीटीवी कैमरे व पुलिस की नाकाबंदी नहीं मिले।
डीसीपी (ईस्ट) डॉ. राहुल जैन ने बताया कि कपड़ा चोर गिरोह के बदमाश दीपक सोनी (32) निवासी सेक्टर-35 मालपुरा गेट सांगानेर, अशोक कुमार साहू (47) निवासी मानाखेडा अलवर हाल जेडीए कॉलोनी गोविन्दपुरा सांगानेर सदर, मुकेश कुमार मिश्रा (22) निवासी सेक्टर-3 प्रताप नगर सांगानेर, रामेश्वर शर्मा (39) निवासी सेक्टर-19 प्रताप नगर सांगानेर, अफसर (29) निवासी आगरा उत्तरप्रदेश हाल गोविन्दपुरा सांगानेर सदर, रामप्रसाद छीपा (38) निवासी सावित्री नगर प्रतापनगर सांगानेर और लेखराज नामा (22) निवासी नाहरगढ रोड को गिरफ्तार किया गया है।
आरोपित अफसर, रामप्रसाद छीपा व लेखराज नामा चोरी का कपड़े के खरीदार है। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में कैद हुए संदिग्ध दो ऑटोरिक्शा के आधार पर कपड़ा चोर गिरोह का पकड़ा गया। जिनके कब्जे से करीब 35 लाख रुपए कीमत का कपड़ा बरामद किया गया है। पूछताछ में आरोपितों ने बरामद कपड़ा तीन फैक्ट्रियों से चोरी करना स्वीकार किया है। रैकी के बाद ही गिरोह वारदात को अंजाम देता, वह उस रास्ते से निकलता था, जहां सीसीटीवी कैमरे व पुलिस की नाकाबंदी नहीं मिले।
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