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महिलाओं का आकलन ‘मी टू’ पर न किया जाए : सोनी राजदान
मुंबई। दिग्गज अभिनेत्री सोनी राजदान का कहना है कि ‘मी टू मुहिम’ यौन उत्पीडऩ के खिलाफ सकारात्मक बदलाव लेकर आया है, लेकिन उन महिलाओं का आकलन नहीं किया जाना चाहिए, जिन्होंने इसे लेकर अपनी आवाज नहीं उठाई है।
सोनी राजदान अभिनेत्री आलिया भट्ट की मां हैं।
सोनी ने कहा, ‘‘एक पुरुष प्रधान समाज में रहते हुए मैं जानती हूं कि ऐसी घटनाएं किसी भी लडक़ी के लिए डरावनी हो सकती है और इसलिए यह एक सकारात्मक संकेत है कि लोग अपनी कहानियों के साथ आगे आ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कहना आसान है कि अगर आपकाउत्पीडऩ होता है तो अपनी नौकरी छोड़ दें, लेकिन लोग अपनी नौकरी पर निर्भर होते हैं, क्योंकि यह उनकी जीविका और जीवन का सवाल है। इसलिए हमें मी टू से जुड़ी कहानियों के साथ आगे आने वाली पीडि़ताओं का समर्थन किया जाना चाहिए और जो महिलाएं इसे लेकर चुप हैं, उनका भी इस आधार पर आकलन नहीं करना चाहिए।’’
यह पूछे जाने पर कि कार्यस्थलों पर यौन उत्पीडऩ होता है? सोनी ने कहा, ‘‘जब कोई व्यक्ति महिला का उत्पीडऩ करता है तो उसे पता होता है कि महिला के पास अपनी नौकरी बचाने के लिए ऐसे उत्पीडऩ झेलने होंगे। यह उसकी जीविका का सवाल है।’’
सोनी राजदान अभिनेत्री आलिया भट्ट की मां हैं।
सोनी ने कहा, ‘‘एक पुरुष प्रधान समाज में रहते हुए मैं जानती हूं कि ऐसी घटनाएं किसी भी लडक़ी के लिए डरावनी हो सकती है और इसलिए यह एक सकारात्मक संकेत है कि लोग अपनी कहानियों के साथ आगे आ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कहना आसान है कि अगर आपकाउत्पीडऩ होता है तो अपनी नौकरी छोड़ दें, लेकिन लोग अपनी नौकरी पर निर्भर होते हैं, क्योंकि यह उनकी जीविका और जीवन का सवाल है। इसलिए हमें मी टू से जुड़ी कहानियों के साथ आगे आने वाली पीडि़ताओं का समर्थन किया जाना चाहिए और जो महिलाएं इसे लेकर चुप हैं, उनका भी इस आधार पर आकलन नहीं करना चाहिए।’’
यह पूछे जाने पर कि कार्यस्थलों पर यौन उत्पीडऩ होता है? सोनी ने कहा, ‘‘जब कोई व्यक्ति महिला का उत्पीडऩ करता है तो उसे पता होता है कि महिला के पास अपनी नौकरी बचाने के लिए ऐसे उत्पीडऩ झेलने होंगे। यह उसकी जीविका का सवाल है।’’
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