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द गाजी अटैक: बमुश्किल बनती व पसंद की जाती हैं ऐसी फिल्में

khaskhabar.com : रविवार, 19 फ़रवरी 2017 4:25 PM (IST)
द गाजी अटैक: बमुश्किल बनती व पसंद की जाती हैं ऐसी फिल्में
हिन्दी फिल्मों के निर्माता करण जौहर दक्षिण के उन निर्माताओं के लिए भगवान बन गए हैं जिन्हें अपनी फिल्मों के लिए कोई वितरक नहीं मिलता और करण जौहर उनकी फिल्मों का वितरण करते हैं। दो वर्ष पूर्व जब उन्होंने बाहुबली का वितरण किया था सबने आलोचना की, लेकिन करण जौहर ने कहा कि ऐसी फिल्में बमुश्किल बनती और पसंद की जाती हैं। पसन्द आने के बाद इनकी भीड शुरू हो जाती है। एक बार फिर करण जौहर ने ऐसी ही एक फिल्म द गाजी अटैक का वितरण किया है। यह फिल्म हिन्दी भाषी क्षेत्रों में पिछले तीन दिन से चल रही है। प्रथम दिन बेहद कमजोर रही इस फिल्म को दूसरे और तीसरे दिन बॉक्स ऑफिस पर अच्छे दर्शक मिले हैं। धीरे-धीरे सही माउथ पब्लिसिटी के जरिए यह फिल्म दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।

कहानी के मुताबिक पीएनएस गाजी ने 14 नवंबर, 1971 को कराची बंदरगाह से पूर्वी पाकिस्तान के चटगांव (अब बांग्लादेश) के लिए कूच किया था। हालांकि कहा यही जाता है कि उसका असल मकसद भारतीय विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर हमला कर उसे डुबोने का था। आईएनएस विक्रांत भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े को सेवाएं दे रहा था। खुफिया जानकारी मिलने के बाद भारतीय नौसेना ने सामरिक दांव चला। जिसके मुताबिक यही दर्शाया गया कि आईएनएस विक्रांत विशाखापत्तनम से रवाना हो रहा है, जबकि इस दौरान नौसेना में सभी अनुभवी और कुछ नए पायलटों के साथ अंडमान में काम चल रहा था। भारतीय नौसेना में कमोडोर पद से सेवानिवृत्त हुए रंजीत बी राय ने अपनी किताब वॉरिंग न्यूक्लियर नेशंस: इंडिया ऐंड पाकिस्तान में इसका कुछ ब्यौरा पेश किया है।


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