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शाहरुख खान की फिल्म में कही गई बात को सच साबित कर रहे ये एक्टर
नई दिल्ली। सुपरस्टार शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) फिल्म 'चेन्नई एक्सप्रेस' (Chennai Express) में कहते नजर आते हैं कि 'आम आदमी की ताकत को कमतर मत समझो'। बॉलीवुड इन दिनों इस वाक्य को गंभीरता से अपनाता नजर आ रहा है।
आम आदमी वास्तव में इन दिनों हिंदी फिल्मों का नायक है और असाधारण व अलग छवि रखने वाला नायक धीर-धीरे पर्दे से ओझल हो रहा है।
यह हिंदी फिल्मों के ट्रेंड में एक अहम बदलाव है और पिछले कुछ समय से हो रहा है। बॉलीवुड नायक अब अह आम इंसान होने के मूड में हैं। भले ही वह अभी भी फिल्म का एक मुख्य किरदार हो, लेकिन वद कहानी में किसी अन्य किरदार के जितना ही अहम है। यहां तक कि सिर्फ नायकों पर ही केंद्रित फिल्मों के बनने पर भी अब लगाम लगा है, जिनमें नायिकाओं का महज ग्लैमर का तड़का लगाने के हिस्से के तौर पर ही दर्शाया जाता था।
इस परिदृश्य से बॉलीवुड नायकों की एक नई नस्ल देखने को मिली है। आयुष्मान खुराना, रणवीर सिंह और राजकुमार राव जैसे कलाकारों ने पारंपरिक नायक की छवि से दूर जाना चुना, लेकिन फिर भी चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं वाले सिनेमा और कॉमर्शियल सिनेमा के बीच संतुलन बनाए रखा है।
रणवीर सिंह को छोड़कर इन सभी नायकों ने माचिज्मो (मर्दानगी व आक्रामक भरा व्यवहार) जैसा कुछ नहीं किया है। भले ही रणवीर कभी-कभी अपने सिक्स-पैक एब्स दिखाने में नहीं हिचकिचाते, लेकिन मुख्य रूप से वह भीड़ को सिनेमाघरों तक खींचने के लिए अलग व हटके किरदार ही करते हैं।
आम आदमी वास्तव में इन दिनों हिंदी फिल्मों का नायक है और असाधारण व अलग छवि रखने वाला नायक धीर-धीरे पर्दे से ओझल हो रहा है।
यह हिंदी फिल्मों के ट्रेंड में एक अहम बदलाव है और पिछले कुछ समय से हो रहा है। बॉलीवुड नायक अब अह आम इंसान होने के मूड में हैं। भले ही वह अभी भी फिल्म का एक मुख्य किरदार हो, लेकिन वद कहानी में किसी अन्य किरदार के जितना ही अहम है। यहां तक कि सिर्फ नायकों पर ही केंद्रित फिल्मों के बनने पर भी अब लगाम लगा है, जिनमें नायिकाओं का महज ग्लैमर का तड़का लगाने के हिस्से के तौर पर ही दर्शाया जाता था।
इस परिदृश्य से बॉलीवुड नायकों की एक नई नस्ल देखने को मिली है। आयुष्मान खुराना, रणवीर सिंह और राजकुमार राव जैसे कलाकारों ने पारंपरिक नायक की छवि से दूर जाना चुना, लेकिन फिर भी चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं वाले सिनेमा और कॉमर्शियल सिनेमा के बीच संतुलन बनाए रखा है।
रणवीर सिंह को छोड़कर इन सभी नायकों ने माचिज्मो (मर्दानगी व आक्रामक भरा व्यवहार) जैसा कुछ नहीं किया है। भले ही रणवीर कभी-कभी अपने सिक्स-पैक एब्स दिखाने में नहीं हिचकिचाते, लेकिन मुख्य रूप से वह भीड़ को सिनेमाघरों तक खींचने के लिए अलग व हटके किरदार ही करते हैं।
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