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बेटी बचाओ को महज एक अभियान तक सीमित नहीं रखा जा सकता है : शिल्पा शेट्टी
मुंबई। देशभर में लगातार एक के बाद एक महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसक यौन हिंसा और हत्याओं से सभी बेहद परेशान हैं, ऐसे में बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने भी इंस्टाग्राम के माध्यम से इस संदर्भ में अपना गुस्सा जाहिर किया है। शिल्पा ने कहा है कि बेटी बचाओ को महज एक अभियान तक सीमित नहीं रखा जा सकता है बल्कि इसमें अमल भी लाने की आवश्यकता है।
इंस्टाग्राम पर शिल्पा ने कई रपटों की एक झलकियां साझा की हैं जिनमें से एक खबर उन्नाव पीड़िता के बारे में है जिसे दुष्कर्म के आरोपियों ने बड़ी ही निर्ममता के साथ आग के हवाले कर दिया और दूसरी खबर पश्चिम बंगाल के मालदा में एक महिला के कथित दुष्कर्म और हत्या के बारे में है।
इन खबरों को साझा करते हुए अभिनेत्री ने हमारे देश में महिलाओं की असुरक्षित स्थिति के बारे में बात की जहां दुष्कर्म पीड़िता के साथ उदासीन रवैया अपनाया जाता है और अपराधी खुलेआम आराम से घूमते हैं।
शिल्पा ने लिखा, "हमारे देश में महिलाओं की स्थिति और उनकी गरिमा बेहद निराशाजनक है..पिछले कुछ समय से स्थिति ऐसी ही बन गई है। अधिकांश के लिए प्रतिदिन बाहर निकालना काफी मुश्किल हो गया, यह कुछ ऐसा है जो अपरिहार्य है। एक महिला के तौर पर मैं शायद यह बयां भी नहीं कर सकती कि दुष्कर्म पीड़िताओं और उनके परिवारों के प्रति उदासीन व निर्मम रवैये को अपनाते हुए देखना भी कितना घृणित और परेशान कर देने वाला है। हर रोज ऐसी खबरों को पढ़ना जिनमें लिखा हुआ होता है कि आरोपी को जमानत दे दी गई है/वह बाहर है..ऐसा क्यों? किसलिए? ताकि उसे एक और जघन्य अपराध करने का दूसरा मौका मिले? हर उम्र की महिलाओं के साथ हिंसा और उस कुकृत्य में जिस तरह की बर्बरता को शामिल किया जाता है उस बारे में पढ़कर मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। मैं एक बेटे की मां हूं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैं उस दर्द को उस हद तक महसूस कर पाऊंगी जिनका एहसास हर दिन बेटियों की मां करती हैं।"
इंस्टाग्राम पर शिल्पा ने कई रपटों की एक झलकियां साझा की हैं जिनमें से एक खबर उन्नाव पीड़िता के बारे में है जिसे दुष्कर्म के आरोपियों ने बड़ी ही निर्ममता के साथ आग के हवाले कर दिया और दूसरी खबर पश्चिम बंगाल के मालदा में एक महिला के कथित दुष्कर्म और हत्या के बारे में है।
इन खबरों को साझा करते हुए अभिनेत्री ने हमारे देश में महिलाओं की असुरक्षित स्थिति के बारे में बात की जहां दुष्कर्म पीड़िता के साथ उदासीन रवैया अपनाया जाता है और अपराधी खुलेआम आराम से घूमते हैं।
शिल्पा ने लिखा, "हमारे देश में महिलाओं की स्थिति और उनकी गरिमा बेहद निराशाजनक है..पिछले कुछ समय से स्थिति ऐसी ही बन गई है। अधिकांश के लिए प्रतिदिन बाहर निकालना काफी मुश्किल हो गया, यह कुछ ऐसा है जो अपरिहार्य है। एक महिला के तौर पर मैं शायद यह बयां भी नहीं कर सकती कि दुष्कर्म पीड़िताओं और उनके परिवारों के प्रति उदासीन व निर्मम रवैये को अपनाते हुए देखना भी कितना घृणित और परेशान कर देने वाला है। हर रोज ऐसी खबरों को पढ़ना जिनमें लिखा हुआ होता है कि आरोपी को जमानत दे दी गई है/वह बाहर है..ऐसा क्यों? किसलिए? ताकि उसे एक और जघन्य अपराध करने का दूसरा मौका मिले? हर उम्र की महिलाओं के साथ हिंसा और उस कुकृत्य में जिस तरह की बर्बरता को शामिल किया जाता है उस बारे में पढ़कर मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। मैं एक बेटे की मां हूं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैं उस दर्द को उस हद तक महसूस कर पाऊंगी जिनका एहसास हर दिन बेटियों की मां करती हैं।"
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