Advertisement
फिल्म समीक्षा: 83 : बेहतरीन, लाजवाब और बेमिसाल, जरूर देखनी चाहिए
कबीर खान को फिल्म के लेखकों का बखूबी सहयोग मिला है। फिल्म को चार
लेखकों—सुमित अरोड़ा, वसन बाला, संजय पूरन सिंह चौहान और स्वयं कबीर खान ने
लिखा है। इससे पहले इस तरह की फिल्मों में धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी और आमिर
खान की लगान में देख चुके हैं। कबीर खान की 83 इन दोनों फिल्मों को बहुत
पीछे छोड़ती है। राजनीतिक गलियारों में क्रिकेट का किस तरह से इस्तेमाल
किया जाता है उसे भी कबीर ने बखूबी दर्शाया है। निर्देशन व लेखन के स्तर पर
जहाँ फिल्म सर्वश्रेष्ठ नजर आती है, वहीं सितारों के मेकअप और कला के स्तर
पर भी यह सबसे आगे है।
ये भी पढ़ें - संजय दत्त की जिंदगी से जुड़े वो राज जिसे नहीं जानते हैं आप
Advertisement
Advertisement
गॉसिप्स
Advertisement