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हर्षदीप ने कहा, बीच के दौर में बॉलीवुड गीतों के छा जाने से...
नई दिल्ली। गायिका हर्षदीप कौर का कहना है कि एक समय था जब भारतीय संगीत उद्योग से एकल संगीत गायब हो गया था लेकिन यह अब वापसी कर रहा है।
हर्षदीप ने मुंबई से आईएएनएस को फोन पर बताया, ‘‘एक समय था जब मैं स्कूल में थी, तब हम एकल संगीत सुनना पसंद करते थे और तब इंडी पॉप के कई गीत थे। बीच के दौर में बॉलीवुड गीतों के छा जाने से एकल गीत लगभग गायब हो गए थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब इंडी पॉप गीतों का दौर लौट रहा है। अब कई स्वतंत्र कलाकार यूट्यूब और सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉम्र्स को धन्यवाद देते हैं। लोग रचना करके उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर सकते हैं। इसलिए, एकल संगीत वापसी कर रहा है और लोग वास्तव में उसका मजा ले रहे हैं।’’
हर्षदीप को ‘रंग दे बसंती’ के इक ओंकार, ‘ये जवानी है दीवानी’ के कबीरा, ‘बरेली की बर्फी’ के ट्विस्ट कमरिया, ‘जब तक है जान’ के हीर और ‘राजी’ के दिलबरो जैसे गीतों के लिए जाना जाता है।
गायिका बॉलीवुड में गाने के अलावा एकल गीतों को तैयार करने में व्यस्त हैं।
हर्षदीप ने मुंबई से आईएएनएस को फोन पर बताया, ‘‘एक समय था जब मैं स्कूल में थी, तब हम एकल संगीत सुनना पसंद करते थे और तब इंडी पॉप के कई गीत थे। बीच के दौर में बॉलीवुड गीतों के छा जाने से एकल गीत लगभग गायब हो गए थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब इंडी पॉप गीतों का दौर लौट रहा है। अब कई स्वतंत्र कलाकार यूट्यूब और सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉम्र्स को धन्यवाद देते हैं। लोग रचना करके उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर सकते हैं। इसलिए, एकल संगीत वापसी कर रहा है और लोग वास्तव में उसका मजा ले रहे हैं।’’
हर्षदीप को ‘रंग दे बसंती’ के इक ओंकार, ‘ये जवानी है दीवानी’ के कबीरा, ‘बरेली की बर्फी’ के ट्विस्ट कमरिया, ‘जब तक है जान’ के हीर और ‘राजी’ के दिलबरो जैसे गीतों के लिए जाना जाता है।
गायिका बॉलीवुड में गाने के अलावा एकल गीतों को तैयार करने में व्यस्त हैं।
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