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पटकथा लेखकों के लिए उचित वेतन योजना का स्वागत
नई दिल्ली। पटकथा लेखक संघ (एसडब्ल्यूए) ने लेखकों के लिए एक उचित वेतन
योजना तैयार करने में एक सफलता हासिल की है। नई पहल का फिल्म इंडस्ट्री ने
स्वागत किया है।
एक्वा एंटरटेनमेंट के फिल्म निर्माता रितेश सिधवानी ने एसडब्ल्यूए द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों पर हस्ताक्षर किए हैं।
‘गुलाम’, ‘द लेजेंड ऑफ भगत सिंह’ और ‘राजनीति’ जैसी फिल्मों के लेखक राजबली लंबे समय से पटकथा लेखकों के अधिकारों की पैरवी कर रहे हैं।
उनका कहना है कि एसडब्ल्यूए फिल्म निमार्ताओं के बीच एक न्यूनतम बुनियादी अनुबंध (एमबीसी) पर जोर दे रहा है, जो इस बात को सुनिश्चित करेगा कि लेखकों को कम से कम न्यूनतम पारिश्रमिक का भुगतान किया जाएगा।
एमबीसी-फिल्म्स की एसडब्ल्यूए उप-समिति के प्रमुख राजबाली ने आईएएनएस से कहा, ‘‘आमतौर पर ऐतिहासिक परिस्थितियों के कारण कुछ शीर्ष लेखकों के लिए पटकथा लेखन शुल्क वास्तव में कम रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, बेहद असमान सौदेबाजी का जोर देखकर लेखक उन अनुबंधों पर बातचीत करने में असमर्थ रहे हैं, जो उन्हें निष्पक्षता के सिद्धांत के आधार पर उचित शर्तें प्रस्तावित कर सकते हैं।’’
राजबाली ने कहा, ‘‘इसने लंबे समय तक पटकथा लेखन बिरादरी में हताशा और पीड़ा पैदा की है।’’
उन्होंने कहा कि हाल के तीन घटनाक्रमों ने बदलाव के लिए स्थितियां बनाई हैं।
पहला, फिल्म उद्योग ने महसूस किया है कि एक अच्छी स्क्रिप्ट के बिना, कोई भी ऐसा तरीका नहीं है, जिसमें वे एक अच्छी या एक सफल फिल्म बना सकते हैं। यह बार-बार साबित किया जा चुका है।
दूसरी, बहुत सारे नए, युवा लेखक प्रतिभा और एक बहादुर आवाज के साथ कुछ अद्भुत स्क्रिप्ट लिख रहे हैं, जिनमें से कई फिल्में बन गई हैं, जिसका प्रभाव लेखन के लिए जिम्मेदार है।
तीसरी, युवा ऊजार्वान लीडरों द्वारा तैयार किया गया एसडब्ल्यूए, लिखने की क्षमता में सुधार लाने के बारे में सक्रिय रहा है और लेखकों की फीस और उनके अधिकारों के संरक्षण में सुधार की आवश्यकता पर जोर दे रहा है।
(आईएएनएस)
एक्वा एंटरटेनमेंट के फिल्म निर्माता रितेश सिधवानी ने एसडब्ल्यूए द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों पर हस्ताक्षर किए हैं।
‘गुलाम’, ‘द लेजेंड ऑफ भगत सिंह’ और ‘राजनीति’ जैसी फिल्मों के लेखक राजबली लंबे समय से पटकथा लेखकों के अधिकारों की पैरवी कर रहे हैं।
उनका कहना है कि एसडब्ल्यूए फिल्म निमार्ताओं के बीच एक न्यूनतम बुनियादी अनुबंध (एमबीसी) पर जोर दे रहा है, जो इस बात को सुनिश्चित करेगा कि लेखकों को कम से कम न्यूनतम पारिश्रमिक का भुगतान किया जाएगा।
एमबीसी-फिल्म्स की एसडब्ल्यूए उप-समिति के प्रमुख राजबाली ने आईएएनएस से कहा, ‘‘आमतौर पर ऐतिहासिक परिस्थितियों के कारण कुछ शीर्ष लेखकों के लिए पटकथा लेखन शुल्क वास्तव में कम रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, बेहद असमान सौदेबाजी का जोर देखकर लेखक उन अनुबंधों पर बातचीत करने में असमर्थ रहे हैं, जो उन्हें निष्पक्षता के सिद्धांत के आधार पर उचित शर्तें प्रस्तावित कर सकते हैं।’’
राजबाली ने कहा, ‘‘इसने लंबे समय तक पटकथा लेखन बिरादरी में हताशा और पीड़ा पैदा की है।’’
उन्होंने कहा कि हाल के तीन घटनाक्रमों ने बदलाव के लिए स्थितियां बनाई हैं।
पहला, फिल्म उद्योग ने महसूस किया है कि एक अच्छी स्क्रिप्ट के बिना, कोई भी ऐसा तरीका नहीं है, जिसमें वे एक अच्छी या एक सफल फिल्म बना सकते हैं। यह बार-बार साबित किया जा चुका है।
दूसरी, बहुत सारे नए, युवा लेखक प्रतिभा और एक बहादुर आवाज के साथ कुछ अद्भुत स्क्रिप्ट लिख रहे हैं, जिनमें से कई फिल्में बन गई हैं, जिसका प्रभाव लेखन के लिए जिम्मेदार है।
तीसरी, युवा ऊजार्वान लीडरों द्वारा तैयार किया गया एसडब्ल्यूए, लिखने की क्षमता में सुधार लाने के बारे में सक्रिय रहा है और लेखकों की फीस और उनके अधिकारों के संरक्षण में सुधार की आवश्यकता पर जोर दे रहा है।
(आईएएनएस)
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