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मनीष मल्होत्रा के शानदार कलेक्शन के साथ संपन्न हुआ डिजिटल आईसीडब्ल्यू
नई दिल्ली| पहली बार डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए आयोजित हुआ इंडिया कुटूर वीक का समापन मशहूर डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के कलेक्शन की लॉन्चिंग के साथ संपन्न हुआ। उनके कलेक्शन का नाम 'रूहानियत-एक सेलिब्रेशन कॉल्ड लाइफ' है।
मल्होत्रा की फैशन फिल्म में बॉलीवुड अभिनेत्री जान्हवी कपूर नजर आईं। उनके कलेक्शन में ब्राइडल वेयर के साथ-साथ ज्वैलरी पर भी फोकस किया गया। यह फैशन फिल्म भारतीय शिल्पकारों की कला, अवध और पंजाब की कला-शिल्प को समर्पित की गई है। इसमें कहा गया, "यह संग्रह हमारी विविध विरासत और भारतीय शिल्पकारों की भावपूर्ण कलात्मकता के लिए एक ट्रिब्यूट है। यह अवध की नजाकत और पंजाब की जीवंतता और हजारों वर्षों से इस काम में अपना जीवन देने वाले लोगों की कहानी है।"
मुगलों के सौंदर्य से प्रेरित इस कलेक्शन में आधुनिकता की झलक भी नजर आई। कलिदार कुर्ते, दुपट्टे, गरारे, महिलाओं के लिए इजार सलवार, अंगरखा जैसी कई चीजें उनके कलेक्शन में शामिल हैं।
मल्होत्रा ने अपने कलेक्शन में हाथ से बुने हुए फेब्रिक, जिनमें असली सोने-चांदी के रेशों से बुनकर बनाई गई जरी बॉर्डर का इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा राजस्थान, अहमदाबाद की कशीदाकारी का उपयोग किया। वहीं रंगों की बात करें तो प्राकृतिक रंग जैसे मिट्टी के रंग और हल्की गर्मियों के लिए ब्राइडल शेड्स जैसे चैती, पिस्ता ग्रीन, डस्की पिंक, ग्रे और मरून से लेकर सभी नैचुरल रंग इसमें शामिल रहे।
मनीष मल्होत्रा ने कहा, "हमारे कलेक्शन का मकसद अपने देसी कलाकारों, शिल्पकारों और कारीगरों की धीमी और शुद्ध कारीगरी को पुनर्जीवित करना है। यह हमारे पुराने शिल्प और तकनीकों की याद दिलाता है। मुगल काल की कला और वास्तुकला - पुराने उद्यान, महल, पेंटिंग, आभूषण, संग्रहालय और वेशभूषा भारत की भव्य और विविध संस्कृति में अमर हैं।"
--आईएएनएस
मल्होत्रा की फैशन फिल्म में बॉलीवुड अभिनेत्री जान्हवी कपूर नजर आईं। उनके कलेक्शन में ब्राइडल वेयर के साथ-साथ ज्वैलरी पर भी फोकस किया गया। यह फैशन फिल्म भारतीय शिल्पकारों की कला, अवध और पंजाब की कला-शिल्प को समर्पित की गई है। इसमें कहा गया, "यह संग्रह हमारी विविध विरासत और भारतीय शिल्पकारों की भावपूर्ण कलात्मकता के लिए एक ट्रिब्यूट है। यह अवध की नजाकत और पंजाब की जीवंतता और हजारों वर्षों से इस काम में अपना जीवन देने वाले लोगों की कहानी है।"
मुगलों के सौंदर्य से प्रेरित इस कलेक्शन में आधुनिकता की झलक भी नजर आई। कलिदार कुर्ते, दुपट्टे, गरारे, महिलाओं के लिए इजार सलवार, अंगरखा जैसी कई चीजें उनके कलेक्शन में शामिल हैं।
मल्होत्रा ने अपने कलेक्शन में हाथ से बुने हुए फेब्रिक, जिनमें असली सोने-चांदी के रेशों से बुनकर बनाई गई जरी बॉर्डर का इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा राजस्थान, अहमदाबाद की कशीदाकारी का उपयोग किया। वहीं रंगों की बात करें तो प्राकृतिक रंग जैसे मिट्टी के रंग और हल्की गर्मियों के लिए ब्राइडल शेड्स जैसे चैती, पिस्ता ग्रीन, डस्की पिंक, ग्रे और मरून से लेकर सभी नैचुरल रंग इसमें शामिल रहे।
मनीष मल्होत्रा ने कहा, "हमारे कलेक्शन का मकसद अपने देसी कलाकारों, शिल्पकारों और कारीगरों की धीमी और शुद्ध कारीगरी को पुनर्जीवित करना है। यह हमारे पुराने शिल्प और तकनीकों की याद दिलाता है। मुगल काल की कला और वास्तुकला - पुराने उद्यान, महल, पेंटिंग, आभूषण, संग्रहालय और वेशभूषा भारत की भव्य और विविध संस्कृति में अमर हैं।"
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