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बीपीएल परिवार की बेटी ने विश्व स्तर पर लहराई हनुमानगढ़ की पताका
हनुमानगढ़। कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो....। जी हां यह कहावत सटीक बैठती है हनुमानगढ़ निवासी 17 वर्षीय कनिका राय पर। कनिका ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हैण्डबॉल प्रतियोगिता में देश को स्वर्णिम सफलता दिलवा कर विश्व में हनुमानगढ़ की पताका लहराई है। कम उम्र में ही बीपीएल परिवार की बेटी कनिका आर्थिक तंगी के बावजूद आज इस मुकाम पर पहुंच चुकी है जिस जगह पहुंचने में लम्बा समय बीत जाता है। जंक्शन के हाउसिंग बोर्ड निवासी कनिका राय ने बांग्लादेश के ढाका में आयोजित आईएचएफ अन्तरराष्ट्रीय हैण्डबॉल प्रतियोगिता (अंडर 18) में गोल्ड मैडल जीत कर हनुमानगढ़ का नाम शान से ऊंचा किया है। इस प्रतियोगिता में कुल सात टीमों ने हिस्सा लिया था। इन सभी टीमों का हराकर भारत की टीम विजेता रही और गोल्ड मैडल हासिल किया।
हनुमानगढ़ की कनिका की इस उपलब्धि से पूरे जिले में खुशी का माहौल है। शुक्रवार को कनिका के हनुमानगढ़ पहुंचने पर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर शहरवासियों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। रेलवे स्टेशन पर अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी रणवीर शर्मा, प्रधानाचार्य गायत्री शर्मा, रजनीश गोदारा, शारीरिक शिक्षक कंवलजीत कौर, सरोज सैन, सोहन सिंह, इन्द्रावती, दलीप ढाका, अनिल कुमार, शिक्षक सुमन शर्मा, मधु कालड़ा, अनिता धारणियां, रीना शर्मा, कविता राय, आनन्द पूनियां आदि ने माल्यार्पण कर कनिका का जोरदार स्वागत किया। शारीरिक शिक्षक कंवलजीत कौर ने बताया कि बीपीएल परिवार से ताल्लुक रखने वाली कनिका के पिता का छह माह पूर्व ही ह्रदयाघात से निधन हो चुका है। उसकी माता कविता राय घरों में कामकाज कर किसी तरह घर चला रही है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार के इन हालातों के बावजूद भी कनिका ने धैर्य नहीं खोया। उसने विपरित आर्थिक परिस्थितियों में संघर्ष करते हुए मेहनत एवं दृश्य निश्चय से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश को स्वर्णिम सफलता दिलवाई है। हाउसिंग बोर्ड में किराए के मकान में रहने वाली भारतीय हैंडबॉल की इस खिलाड़ी का चयन जयपुर एकेडमी की तरफ से इण्डिया टीम में हुआ। प्रतियोगिता से पूर्व कनिका ने जयपुर के गांधीनगर में एक माह का प्रशिक्षण हासिल किया। इसके बाद बांग्लादेश के ढाका में आयोजित अंतरराष्ट्रीय हैंडबॉल प्रतियोगिता में कनिका ने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया।
कलक्टर से की मुलाकात
अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीत कर कोटा ट्रेन से हनुमानगढ़ पहुंची कनिका ने जिला कलक्टर ज्ञानाराम से भी मुलाकात की। जिला कलक्टर ने बालिका एवं शिक्षा विभाग को स्वर्णिम सफलता हेतु बधाई दी। इस दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कलक्टर को बताया कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे कनिका के परिवार की आज तक कोई सहायता नहीं की गई। इस पर कलक्टर ने जल्द ही उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
आसान नहीं रहा सफर
कनिका के लिए खेल का ये सफर आसान नहीं रहा। छह माह पूर्व ही कनिका के सिर से उसके पिता का साया उठ गया था। कनिका की मां लोगों के घरों में झाड़ू पोचा करके कनिका की परवरिश कर रही है। कनिका के पिता के देहांत के कुछ दिन बाद ही कनिका का चयन सब जूनियर केम्प के लिए हुआ। कनिका की मां ने इस दुखद घड़ी के बावजूद कनिका को खेलने के लिए प्रेरित किया और उसे केम्प में भेजा जिसके बाद कनिका का चयन भारतीय टीम में हुआ और कनिका ने अपने पिता के सपने को पूरा करते हुए देश के लिए गोल्ड मैडल जीता।
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हनुमानगढ़ की कनिका की इस उपलब्धि से पूरे जिले में खुशी का माहौल है। शुक्रवार को कनिका के हनुमानगढ़ पहुंचने पर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर शहरवासियों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। रेलवे स्टेशन पर अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी रणवीर शर्मा, प्रधानाचार्य गायत्री शर्मा, रजनीश गोदारा, शारीरिक शिक्षक कंवलजीत कौर, सरोज सैन, सोहन सिंह, इन्द्रावती, दलीप ढाका, अनिल कुमार, शिक्षक सुमन शर्मा, मधु कालड़ा, अनिता धारणियां, रीना शर्मा, कविता राय, आनन्द पूनियां आदि ने माल्यार्पण कर कनिका का जोरदार स्वागत किया। शारीरिक शिक्षक कंवलजीत कौर ने बताया कि बीपीएल परिवार से ताल्लुक रखने वाली कनिका के पिता का छह माह पूर्व ही ह्रदयाघात से निधन हो चुका है। उसकी माता कविता राय घरों में कामकाज कर किसी तरह घर चला रही है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार के इन हालातों के बावजूद भी कनिका ने धैर्य नहीं खोया। उसने विपरित आर्थिक परिस्थितियों में संघर्ष करते हुए मेहनत एवं दृश्य निश्चय से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश को स्वर्णिम सफलता दिलवाई है। हाउसिंग बोर्ड में किराए के मकान में रहने वाली भारतीय हैंडबॉल की इस खिलाड़ी का चयन जयपुर एकेडमी की तरफ से इण्डिया टीम में हुआ। प्रतियोगिता से पूर्व कनिका ने जयपुर के गांधीनगर में एक माह का प्रशिक्षण हासिल किया। इसके बाद बांग्लादेश के ढाका में आयोजित अंतरराष्ट्रीय हैंडबॉल प्रतियोगिता में कनिका ने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया।
कलक्टर से की मुलाकात
अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीत कर कोटा ट्रेन से हनुमानगढ़ पहुंची कनिका ने जिला कलक्टर ज्ञानाराम से भी मुलाकात की। जिला कलक्टर ने बालिका एवं शिक्षा विभाग को स्वर्णिम सफलता हेतु बधाई दी। इस दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कलक्टर को बताया कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे कनिका के परिवार की आज तक कोई सहायता नहीं की गई। इस पर कलक्टर ने जल्द ही उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
आसान नहीं रहा सफर
कनिका के लिए खेल का ये सफर आसान नहीं रहा। छह माह पूर्व ही कनिका के सिर से उसके पिता का साया उठ गया था। कनिका की मां लोगों के घरों में झाड़ू पोचा करके कनिका की परवरिश कर रही है। कनिका के पिता के देहांत के कुछ दिन बाद ही कनिका का चयन सब जूनियर केम्प के लिए हुआ। कनिका की मां ने इस दुखद घड़ी के बावजूद कनिका को खेलने के लिए प्रेरित किया और उसे केम्प में भेजा जिसके बाद कनिका का चयन भारतीय टीम में हुआ और कनिका ने अपने पिता के सपने को पूरा करते हुए देश के लिए गोल्ड मैडल जीता।
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