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जानें, घर में किसी भी दिशा में मंदिर होने से क्या पड़ता है असर
ईशान कोण: ईशान कोण में पूजा का स्थान होने से परिवार के
सदस्य सात्विक विचारों के होते हैं। उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है और उनकी
आयु बढ़ती है।
पूर्व दिशा : इस दिशा में पूजा का स्थान होने पर घर का मुखिया सात्विक विचारों वाला होता है और समाज में इज्जत और प्रसिद्धि पाता है।
आग्नेय: इस कोण में पूजा का स्थान होने पर घर के मुखिया को खून की खराबी की शिकायत होती है। वह बहुत ही गुस्से वाला होता है किंतु उसमे निर्भीकता होती है। वह हर कार्य का निर्णय स्वयं लेता है।
पूर्व दिशा : इस दिशा में पूजा का स्थान होने पर घर का मुखिया सात्विक विचारों वाला होता है और समाज में इज्जत और प्रसिद्धि पाता है।
आग्नेय: इस कोण में पूजा का स्थान होने पर घर के मुखिया को खून की खराबी की शिकायत होती है। वह बहुत ही गुस्से वाला होता है किंतु उसमे निर्भीकता होती है। वह हर कार्य का निर्णय स्वयं लेता है।
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