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आज रखा जाएगा उत्पन्ना एकादशी का व्रत, करने वालों को मिलते हैं यह लाभ
हिन्दू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहते हैं। ग्यारस का शुभारम्भ मंगलवार, 30 नवंबर दोपहर 2 बजे से शुरू होकर बुधवार, 01 दिसंबर 2021, को दोपहर 12.55 मिनट तक रहेगा। उत्पन्ना एकादशी का पारणा मुहूर्त 1 दिसंबर को 07.37.05 से 09.01.32 तक रहेगा अर्थात् 1 घंटे 24 मिनट। इस व्रत को करने से भक्तों को कई प्रकार के लाभ होते हैं।
आइए डालते हैं एक नजर उन लाभों पर—
1. यह व्रत निर्जल रहकर करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के पापों का नाश होता है।
2. उत्पन्ना एकादशी व्रत करने से हजार वाजपेय और अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है।
3. जो व्यक्ति उत्पन्ना एकादशी का व्रत करता है उस पर भगवान विष्णुजी की असीम कृपा बनी रहती है। इससे देवता और पितर तृप्त होते हैं।
4. इस व्रत को करने से सभी तीर्थों का फल मिलता है। व्रत के दिन दान करने से लाख गुना वृद्धि के फल की प्राप्ति होती है।
5. इस व्रत को विधि-विधान से निर्जल व्रत करने से मोक्ष तथा विष्णु धाम की प्राप्ति होती है।
नोट—यह जानकारी प्रचलित मान्यता पर आधारित है। इसके सत्य या असत्य होने की खास खबर डॉट कॉम पुष्टि नहीं करता है। पाठक अपने विवेक के साथ ही अपने-अपने धर्मगुरुओं से जरूर सम्पर्क करें।
आइए डालते हैं एक नजर उन लाभों पर—
1. यह व्रत निर्जल रहकर करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के पापों का नाश होता है।
2. उत्पन्ना एकादशी व्रत करने से हजार वाजपेय और अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है।
3. जो व्यक्ति उत्पन्ना एकादशी का व्रत करता है उस पर भगवान विष्णुजी की असीम कृपा बनी रहती है। इससे देवता और पितर तृप्त होते हैं।
4. इस व्रत को करने से सभी तीर्थों का फल मिलता है। व्रत के दिन दान करने से लाख गुना वृद्धि के फल की प्राप्ति होती है।
5. इस व्रत को विधि-विधान से निर्जल व्रत करने से मोक्ष तथा विष्णु धाम की प्राप्ति होती है।
नोट—यह जानकारी प्रचलित मान्यता पर आधारित है। इसके सत्य या असत्य होने की खास खबर डॉट कॉम पुष्टि नहीं करता है। पाठक अपने विवेक के साथ ही अपने-अपने धर्मगुरुओं से जरूर सम्पर्क करें।
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