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ब्रहस्पति को समर्पित है गुरुवार का दिन, इस तरह करें पूजा
शास्त्रों के अनुसार गुरुवार को ब्रहस्पति देव की पूजा करने का विधान है। बृहस्पति की उपासना ज्ञान, सौभाग्य व सुख देने वाली मानी गई है। दरअसल ब्रहस्पति की उपासना करने से ज्ञान व विद्या के रास्ते तन, मन व भौतिक दुखों से मुक्त जीवन जी सकते हैं। हिन्दू धर्म शास्त्रों के विशेष कामनाओं की पूर्ति हेतु खास दिनों पर की जाने वाली गुरु पूजा में गुरुवार को देवगुरु ब्रहस्पति की पूजा का भी महत्व बताया गया है।
व्रत विधि
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान कर ले।
2. बृहस्पतिदेव की पूजा करते समय उनका ध्यान करें।
3. इसके बाद पीले फल, पीले फूल, पीले वस्त्रों से भगवान बृहस्पतिदेव को चढाये।
4. गंध, अक्षत, पीले फूल, चमेली के फूलों से पूजा करें। पीली वस्तुओं जैसे चने की दाल से बने पकवान, चने, गुड़, हल्दी या पीले फलों का भोग लगाएं।
5. गुरुवार के दिन एक ही समय भोजन करे वह भी बिना नमक का भोजन का इस्तेमाल करे। तत्पश्चात ही मनोकामना पूरी होगी।
आलेख में दी गई जानकारियों को लेकर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
व्रत विधि
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान कर ले।
2. बृहस्पतिदेव की पूजा करते समय उनका ध्यान करें।
3. इसके बाद पीले फल, पीले फूल, पीले वस्त्रों से भगवान बृहस्पतिदेव को चढाये।
4. गंध, अक्षत, पीले फूल, चमेली के फूलों से पूजा करें। पीली वस्तुओं जैसे चने की दाल से बने पकवान, चने, गुड़, हल्दी या पीले फलों का भोग लगाएं।
5. गुरुवार के दिन एक ही समय भोजन करे वह भी बिना नमक का भोजन का इस्तेमाल करे। तत्पश्चात ही मनोकामना पूरी होगी।
आलेख में दी गई जानकारियों को लेकर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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