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समुद्र शास्त्र : ये रत्न है चमत्कारी, धारण करने से दूर होते है सभी रोग, जानिए इनके बारे में
मूंगा
ब्लड प्रेशर, त्वचा रोग, कमजोरी, कोढ़, पित्त विकार, शरीर में जलन, रक्तार्श, दुर्घटना आदि से बचाव के लिए मंगल ग्रह से सम्बंधित रत्न "मूंगा" अथवा उपरत्न तामडा धारण करना शुभ रहता है।
पन्ना
मानसिक विकार, त्वचा रोग, नेत्र रोग, किसी तरह की सनक, तुतलाहट,सांस नली के रोग, मिर्गी, नाक और गले के रोग आदि से बचाव के लिए बुध ग्रह से सम्बंधित रत्न "पन्ना" अथवा उपरत्न हरा जिरकॉन, हरा हकीक या फिरोजा धारण करना शुभ रहता है।
पुखराज
गुल्म रोग, याददाश्त कमजोर होना,मोटापा, कर्ण रोग, पेट के रोग, आंत्र रोग, कफ जनित रोग, शरीर में सूजन, बेहोशी आना आदि के निदान हेतु गुरु अर्थात बृहस्पति ग्रह से सम्बंधित रत्न "पुखराज" अथवा उपरत्न सफ़ेद जिरकोन, सुनेला या पीला मोती धारण करना चाहिए।
ब्लड प्रेशर, त्वचा रोग, कमजोरी, कोढ़, पित्त विकार, शरीर में जलन, रक्तार्श, दुर्घटना आदि से बचाव के लिए मंगल ग्रह से सम्बंधित रत्न "मूंगा" अथवा उपरत्न तामडा धारण करना शुभ रहता है।
पन्ना
मानसिक विकार, त्वचा रोग, नेत्र रोग, किसी तरह की सनक, तुतलाहट,सांस नली के रोग, मिर्गी, नाक और गले के रोग आदि से बचाव के लिए बुध ग्रह से सम्बंधित रत्न "पन्ना" अथवा उपरत्न हरा जिरकॉन, हरा हकीक या फिरोजा धारण करना शुभ रहता है।
पुखराज
गुल्म रोग, याददाश्त कमजोर होना,मोटापा, कर्ण रोग, पेट के रोग, आंत्र रोग, कफ जनित रोग, शरीर में सूजन, बेहोशी आना आदि के निदान हेतु गुरु अर्थात बृहस्पति ग्रह से सम्बंधित रत्न "पुखराज" अथवा उपरत्न सफ़ेद जिरकोन, सुनेला या पीला मोती धारण करना चाहिए।
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