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28 अक्टूबर को बन रहा है गुरु-पुष्य नक्षत्र, विवाह को छोड़ अन्य कार्यों के लिए है सर्वश्रेष्ठ
अभी कार्तिक मास चल रहा है। हिन्दू धर्म में कार्तिक मास का अपना एक अलग महत्त्व है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति कार्तिक स्नान करता है वह अपने पापों से मुक्त होता है और मृत्यु के बाद वह बैंकुण्ठ को प्राप्त करता है। अब यह कितना सही है यह नहीं कहा जा सकता। कार्तिक मास में हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्योंहार दीपावली पड़ता है। हिंदू धर्म में त्योहारों और विशेष अवसरों पर शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि शुभ मुहूर्त में किया जाने वाला कार्य हमेशा सफल होता है।
28 अक्टूबर को भी गुरु-पुष्य नक्षत्र का शुभ योग बनने जा रहा है, इस योग को धर्माचार्य शुभ कार्य और खरीददारी के लिए बहुत अधिक महत्त्व देते हैं। ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र को अत्यंत उत्तम माना गया है। हर बार की तरह धनतेरस और दीपावली के पहले खरीददारी के श्रेष्ठ शुभ मुहूर्त का निर्माण होने जा रहा है। यह शुभ मुहूर्त गुरु-पुष्य नक्षत्र के रूप में 28 अक्टूबर को प्रात: 9.40 से शुक्रवार सुबह 11.37 तक रहेगा।
28 अक्टूबर को भी गुरु-पुष्य नक्षत्र का शुभ योग बनने जा रहा है, इस योग को धर्माचार्य शुभ कार्य और खरीददारी के लिए बहुत अधिक महत्त्व देते हैं। ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र को अत्यंत उत्तम माना गया है। हर बार की तरह धनतेरस और दीपावली के पहले खरीददारी के श्रेष्ठ शुभ मुहूर्त का निर्माण होने जा रहा है। यह शुभ मुहूर्त गुरु-पुष्य नक्षत्र के रूप में 28 अक्टूबर को प्रात: 9.40 से शुक्रवार सुबह 11.37 तक रहेगा।
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