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अक्टूबर 23, 2022 को मार्गी होंगे शनि, नौकरीपेशा वालों को रखनी है सावधानी
बीती 12 जुलाई से शनि वक्री हो गए हैं। शनि वक्री होकर मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि जब वक्री होते हैं तो शनि की चाल अत्यधिक धीमी हो जाती है। वहीं दूसरी ओर पौराणिक मान्यता है कि शनि जब वक्री होते हैं तो वे पीडि़त हो जाते हैं।
शनि 23 अक्टूबर 2022 तक मकर राशि में ही वक्री अवस्था में रहेंगे और 23 अक्टूबर 2022 को शनि मकर राशि में ही मार्गी होंगे। शनि अभी वक्री हैं तो इसका फल होगा, जानते हैं-
कुंडली के इस भाव के स्वामी शनि देव हैं
शनि को कर्मफलदाता भी कहा गया है। शनि देव परिश्रम के कारक हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली का 10वां भाव, कर्म का माना गया है। कुंडली के दशम भाव के स्वामी शनि देव ही हैं, क्योंकि कालपुरूष की कुंडली में इस भाव की राशि मकर मानी गई है। मकर राशि के स्वामी शनि ही हैं।
नौकरीपेशा वालों को रहना होगा सावधान
शनि वक्री होकर जॉब करने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने के लिए कह रहे हैं। जिन लोगों की मेष, मिथुन, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि है उन्हें ऑफिस में विशेष सर्तकता बरतने की जरूरत है। वर्तमान समय में मिथुन, तुला पर शनि की ढैय्या, धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है। इस दौरान बदलाव की स्थिति बन सकती है।
शनि के उपाय
वक्री होकर शनि अशुभ फल प्रदान न करें, इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए-
1. बॉस की बातों का अनदेखा न करें।
2. अपने पद और अधिकार को गलत इस्तेमाल न करें।
3. अधीनस्थों के साथ मधुरता से पेश आएं।
4. कठोर परिश्रम करने वालों का सम्मान करें।
5. अहंकार न करें, दूसरों का सम्मान करें।
6. निंदा करने से बचें।
7. आलस से दूर रहें।
8. शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करें।
आलेख में दी गई जानकारियों को लेकर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
शनि 23 अक्टूबर 2022 तक मकर राशि में ही वक्री अवस्था में रहेंगे और 23 अक्टूबर 2022 को शनि मकर राशि में ही मार्गी होंगे। शनि अभी वक्री हैं तो इसका फल होगा, जानते हैं-
कुंडली के इस भाव के स्वामी शनि देव हैं
शनि को कर्मफलदाता भी कहा गया है। शनि देव परिश्रम के कारक हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली का 10वां भाव, कर्म का माना गया है। कुंडली के दशम भाव के स्वामी शनि देव ही हैं, क्योंकि कालपुरूष की कुंडली में इस भाव की राशि मकर मानी गई है। मकर राशि के स्वामी शनि ही हैं।
नौकरीपेशा वालों को रहना होगा सावधान
शनि वक्री होकर जॉब करने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने के लिए कह रहे हैं। जिन लोगों की मेष, मिथुन, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि है उन्हें ऑफिस में विशेष सर्तकता बरतने की जरूरत है। वर्तमान समय में मिथुन, तुला पर शनि की ढैय्या, धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है। इस दौरान बदलाव की स्थिति बन सकती है।
शनि के उपाय
वक्री होकर शनि अशुभ फल प्रदान न करें, इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए-
1. बॉस की बातों का अनदेखा न करें।
2. अपने पद और अधिकार को गलत इस्तेमाल न करें।
3. अधीनस्थों के साथ मधुरता से पेश आएं।
4. कठोर परिश्रम करने वालों का सम्मान करें।
5. अहंकार न करें, दूसरों का सम्मान करें।
6. निंदा करने से बचें।
7. आलस से दूर रहें।
8. शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करें।
आलेख में दी गई जानकारियों को लेकर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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