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आज होगा नवरात्रों का समापन, रवियोग में होगी महानवमी की पूजा
नवमी पर कन्या पूजन
धर्मगुरुओं के मुताबिक कन्या पूजन से एक दिन पहले कन्याओं को अपने घर का आमंत्रण देना चाहिए। इसके लिए उन्हें कुमकुम की बिंदी लगाएं और पीले चावल के साथ दक्षिणा भी दें। कन्या पूजन के लिए दो साल की उम्र से 10 साल तक की कन्या को आमंत्रित करना चाहिए।
नवरात्रि के आखिरी दिन यानी महानवमी को समस्त सिद्धि प्रदान करने वाली मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाएगा। अष्टमी तिथि की तरह ही नवरात्रि में नवमी तिथि का भी विशेष महत्व माना गया है। इस दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूप की प्रतीक नौ कन्याओं और एक बालक को भी आमंत्रित कर बटुक भैरव का स्वरूप अपने घर आमंत्रित करके पूजन किया जाना चाहिए। साथ ही अगर देवी सरस्वती की स्थापना की हो तो उनका विसर्जन नवमी को किया जा सकता है। ये मन्वादि तिथि होने से इस दिन श्राद्ध का भी विधान है। इस तिथि पर सुबह जल्दी स्नान कर के दिनभर श्रद्धानुसार दान करने की परंपरा है।
धर्मगुरुओं के मुताबिक कन्या पूजन से एक दिन पहले कन्याओं को अपने घर का आमंत्रण देना चाहिए। इसके लिए उन्हें कुमकुम की बिंदी लगाएं और पीले चावल के साथ दक्षिणा भी दें। कन्या पूजन के लिए दो साल की उम्र से 10 साल तक की कन्या को आमंत्रित करना चाहिए।
नवरात्रि के आखिरी दिन यानी महानवमी को समस्त सिद्धि प्रदान करने वाली मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाएगा। अष्टमी तिथि की तरह ही नवरात्रि में नवमी तिथि का भी विशेष महत्व माना गया है। इस दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूप की प्रतीक नौ कन्याओं और एक बालक को भी आमंत्रित कर बटुक भैरव का स्वरूप अपने घर आमंत्रित करके पूजन किया जाना चाहिए। साथ ही अगर देवी सरस्वती की स्थापना की हो तो उनका विसर्जन नवमी को किया जा सकता है। ये मन्वादि तिथि होने से इस दिन श्राद्ध का भी विधान है। इस तिथि पर सुबह जल्दी स्नान कर के दिनभर श्रद्धानुसार दान करने की परंपरा है।
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