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हनुमानजी व शनिदेव के बीच क्या है रिश्ता
शनिदेव जी को अपनी भूल का अहसास हुआ और
उन्होंने हनुमानजी से माफ़ी मांगी की वे कभी भी राम और हनुमान जी के कार्यो
में कोई विध्न नहीं डालेंगे। और श्रीराम और हनुमान जी के भक्तो को उनका
विशेष आशीष प्राप्त होगा।
शनिदेव जी भगवान श्री हनुमान से थोडा सरसों का तेल माँगा जिसे वो अपने घावो
पर लगा सके और जल्द ही चोटो से उभर सके। हनुमानजी ने उन्हें वो तेल उपलब्ध
करवाया और इस तरह शनिदेव के जख्म ठीक हुए।
तब शनिदेव जी ने कहा की इस याद में जो भी भक्त शनिवार के दिन मुझपर सरसों
का तेल चढायेगा उसे मेरा विशेष आशीष प्राप्त होगा।
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