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...तो इसलिए मनाया जाता है भाई-बहन का यह त्योहार, ये है शुभ मुहूर्त
एक दिन यम अपनी बहन की नाराजगी को दूर करने के लिए मिलने चले गए। यमुना अपने भाई को देख फूली न समाई। भाई के लिए व्यंजन बनाए और आदर सत्कार किया। इस आदर सत्कार और बहन के प्रेम को देखकर यमराज इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने इससे पहले ऐसी आशा भी नहीं की थी। इस खुशी के बाद यम ने अपनी बहन यमुना को विविध भेंट अर्पित की।
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