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पिछले जन्म में आप क्या थे-बताते है ये संकेत!
नई दिल्ली। पिछले जन्म में आप क्या थे! क्या वाकई आप जानना चाहते हैं! क्या आप पुनर्जन्म के सिद्धांत को मानते हैं! पिछला या पुनर्जन्म होता है या नहीं! यह सवाल हर व्यक्ति के मन में होता हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इन सब बातों का जवाब आपकी जन्मकुंडली में लिखा होता है, केवल उसे पहचानकर पढने की है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर आपकी कुण्डली में गुरु लग्न यानी पहले घर में बैठा है तो यह समझना चाहिए कि पूर्वजन्म में आप किसी विद्वान परिवार में जन्मे थे।
जन्मपत्री में गुरु पांचवे, सातवें या नवम घर में बैठा है तो यह संकेत है कि आप पूर्व जन्म में धर्मात्मा, सद्गुणी एवं विवेकशील रहे होंगे। इसके प्रभाव से इस जन्म में भी आप पढने लिखने में होशियार होंगे। समय-समय पर आपको भाग्य का सहयोग मिलेगा। धर्म में आपकी रुचि रहेगी। जिनकी जन्म कुण्डली में राहु पहले या सातवें घर में बैठा होता है उनके विषय में ज्योतिषशास्त्र कहता है कि इनकी अस्वभाविक मृत्यु हुई होगी। ऐसा व्यक्ति वर्तमान जीवन में चालाक होता है। इनका मन कई बार उलझनों में घिरा रहता है।
जन्मपत्री में गुरु पांचवे, सातवें या नवम घर में बैठा है तो यह संकेत है कि आप पूर्व जन्म में धर्मात्मा, सद्गुणी एवं विवेकशील रहे होंगे। इसके प्रभाव से इस जन्म में भी आप पढने लिखने में होशियार होंगे। समय-समय पर आपको भाग्य का सहयोग मिलेगा। धर्म में आपकी रुचि रहेगी। जिनकी जन्म कुण्डली में राहु पहले या सातवें घर में बैठा होता है उनके विषय में ज्योतिषशास्त्र कहता है कि इनकी अस्वभाविक मृत्यु हुई होगी। ऐसा व्यक्ति वर्तमान जीवन में चालाक होता है। इनका मन कई बार उलझनों में घिरा रहता है।
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