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महिलाओं को क्यों नहीं पचती कोई बात, सदियों पुराना है ये नाता!
अकसर आपने लोगों को ये कहते हुए सुना होगा कि ‘महिलाओं के पेट में कोई बात
नहीं पचती।’ एक बात कब एक जगह से दूसरी जगह पहुंच जाती है आप अंदाजा भी
नहीं लगा सकते। कोई बड़ा उदाहरण ही क्यों, अपने घर की ही बात ले लीजिए।
आपकी बात आपकी मम्मी से होते हुए आपकी चाची और दादी तक कब पहुंच जाती है आप
समझ भी नहीं पाते।
आपको पता तब लगता है जब अचानक कोई दूसरा रिश्तेदार आपसे उस विषय से संबंधित बात करे। कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है। सबसे ज्यादा खतरा तो तब होता है जब आप उन्हे मना कर दें कि किसी को भी मत बताना, तब वो सबसे पहले बता देती हैं।
वहीं पुरूष बातों को छिपाने में कुछ हद तक कामयाब हो जाते हैं। आखिर औरतें क्यूं अपने तक बात सीमित नहीं रख पाती हैं।
महिलाओं को मिला हुआ हैं श्राप...
आपको पता तब लगता है जब अचानक कोई दूसरा रिश्तेदार आपसे उस विषय से संबंधित बात करे। कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है। सबसे ज्यादा खतरा तो तब होता है जब आप उन्हे मना कर दें कि किसी को भी मत बताना, तब वो सबसे पहले बता देती हैं।
वहीं पुरूष बातों को छिपाने में कुछ हद तक कामयाब हो जाते हैं। आखिर औरतें क्यूं अपने तक बात सीमित नहीं रख पाती हैं।
महिलाओं को मिला हुआ हैं श्राप...
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