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क्या होता है पितृदोष व मातृदोष

पितृ पक्ष सूर्योपासना का पर्व है, सूर्य ऊर्जा देता है। प्रकाश देता है। जीवनीशक्ति का संवाहक है। पृथ्वी पर जीवंतता का आधार है। सूर्य की उपासना से व्यक्ति समस्त दोषों का नाश कर सकता है। ज्योतिष में सूर्य को पिता का स्वरूप है।
पिता की महानता, श्रेष्ठता और उन्नति में सूर्य की अहम भूमिका होती है। ऎसे जातक जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर या दुष्ट ग्रहों से बाधित होता है। उन्हें पितृ दोष से पीडित माना जाता है।
पिता की महानता, श्रेष्ठता और उन्नति में सूर्य की अहम भूमिका होती है। ऎसे जातक जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर या दुष्ट ग्रहों से बाधित होता है। उन्हें पितृ दोष से पीडित माना जाता है।
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