Advertisement
मंगल अशुभ होने पर होते हैं ये कुप्रभाव, ऐसे बनाएं शुभ
आपका मंगल शुभ है या नहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक का मंगल शांत हो तो वह पुलिस,
सेना व प्रशासनिक सेवाओं को भोगता है लेकिन मंगल अशुभ हुआ तो वह जातक को
गलत व अपराध कार्यों की ओर ले जाता है। रजोगणी प्रधान और रक्त
वर्ण वाले मंगल ग्रह के शुभ स्थिति में होने पर जातक योग्य, साहसी, कुशल और
सामथ्र्यवान हो जाता है। लग्न का स्वामी मंगल यदि शक्तिशाली हो तो जातक
में उत्साह व आत्मविश्वास देखने को मिलता है। ऐसे जातक अपनी क्षमता से अधिक
साहस पूर्ण कार्यों को सम्पन्न कर डालते हैं। यदि लग्न में मंगल अस्त या
अशुभ दृष्टि वाला हो तो जातक गुप्त रोगी और क्रूर स्वभाव वाला हो जाता है।
जन्म कुंडली के छठे, आठवें व बारहवें भाव में मंगल विपरीत फल देता है।
वक्री व अस्त मंगल भी अशुभ फल देने वाला है। मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव से
जातक क्रोधी, निर्धन, गुप्त रोगी, दु:खी, अशांत, क्रूर और अपने
उच्चाधिकारियों से प्रताडि़त होने वाला बना रहता है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
यह भी प�?े
Advertisement
जीवन मंत्र
Advertisement