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...तो क्या सुंदर स्त्रियों से इसलिए नहीं करना चाहिए विवाह, जानिए क्या है वजह!
आज
के समय में ज्यादातर पुरुष विवाह के लिए सुंदर स्त्रियों को अधिक महत्व
देते हैं। आज के समय के अनुसार, 90 फीसदी लोग सबसे पहले किसी स्त्री की
सुंदरता देखते है और सुंदरता देखकर ही विवाह करते है। लेकिन जरुरी नही की
सुंदर स्त्रियां ही सर्वगुण संपन्न हो। विवाह के लिए स्त्री के संस्कार,
उसका स्वभाव, उसके लक्षण, उसके गुण-अवगुणों के बारे में जानना चाहिए,
अन्यथा सिर्फ सुंदरता के आधार पर गलत चुनाव करने से वैवाहिक जीवन सुखी नहीं
रहता।
हिंदू धर्म में विवाह को 16 संस्कारों में से एक संस्कार माना गया है। स्त्रियों के कुछ सामान्य लक्षणों के अलावा उनकी कुछ ऐसी बातें जो उन्हें सामान्य लायक नहीं बनाती है, आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसी कुछ स्त्रियों से भूलकर भी शादी नहीं करनी चाहिए।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सुंदरता ही सब कुछ नहीं होती। यदि कोई पुरुष केवल स्त्री की सुंदरता को देख कर ही उसे परखता है और उसी के आधार पर उसे पसंद करके विवाह करता है तो उससे बड़ा मूर्ख इस संसार में कोई नहीं है।
हिंदू धर्म में विवाह को 16 संस्कारों में से एक संस्कार माना गया है। स्त्रियों के कुछ सामान्य लक्षणों के अलावा उनकी कुछ ऐसी बातें जो उन्हें सामान्य लायक नहीं बनाती है, आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसी कुछ स्त्रियों से भूलकर भी शादी नहीं करनी चाहिए।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सुंदरता ही सब कुछ नहीं होती। यदि कोई पुरुष केवल स्त्री की सुंदरता को देख कर ही उसे परखता है और उसी के आधार पर उसे पसंद करके विवाह करता है तो उससे बड़ा मूर्ख इस संसार में कोई नहीं है।
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