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वचन निभाने को लड़ते हुए दो बार दी थी इस वीर ने जान!
नागौर। मनुष्य एक बार जन्म लेता है और एक ही बार मरता है। लेकिन, राजस्थान के रेतीले धोरों की फिजाओं में एक ऐसे वीर की कथा गूंजती है जिसने जन्म भले की एक बार लिया हो लेकिन अपने वचन को निभाने के लिए मृत्यु की जयमाला दो बार गले में पहनी। आज भी यहां इस वीर की याद में अक्सर गाया जाता है कि
जलम्यो केवल एक बर, परणी एकज नार।
लडियो, मरियो कौल पर, इक भड दो-दो बार।।
अर्थात- उस वीर ने केवल एक ही बार जन्म लिया तथा एक ही भार्या से विवाह किया ,परन्तु अपने वचन का निर्वाह करते हुए वह वीर दो-दो बार लड़ता हुआ वीर-गति को प्राप्त हुआ। आगे पढ़ें कौन है वो वीर...
जोधपुर से है इसकी शुरुआत
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जलम्यो केवल एक बर, परणी एकज नार।
लडियो, मरियो कौल पर, इक भड दो-दो बार।।
अर्थात- उस वीर ने केवल एक ही बार जन्म लिया तथा एक ही भार्या से विवाह किया ,परन्तु अपने वचन का निर्वाह करते हुए वह वीर दो-दो बार लड़ता हुआ वीर-गति को प्राप्त हुआ। आगे पढ़ें कौन है वो वीर...
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