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मां ने दो बहनों को अलग-अलग छोडा, किस्मत ने ऐसे फिर मिलाया...
वरिष्ठ सेवादार ऋतूबाला के अनुसार उनसे बातचीत के बाद पता चला कि इनका
संबंध पंजाब के मुक्तसर क्षेत्र से है। जश्न और जसवीर कौर ने बताया कि मां
अमन उन्हें रेलगाड़ी से लेकर आई थी। जसवीर कौर को हनुमानगढ़ रेलवे स्टेशन
पर छोड़ते हुए मां ने खाने-पीने के लिए कुछ रुपए भी दिए। जश्न को उसकी मां
ने हनुमानगढ़ से लगभग 70 किमी दूर सूरतगढ़ रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया। उसे
खाने-पीने के लिए कुछ नहीं दिया।
दोनों का कहना है कि उनके एक और छोटी बहन सुमन भी है। घर में एक बालक भी है, जिसे वे भाई कहती हैं। वे पिता का नाम सोनू और नाना का नाम चीना बता रही हैं।
सोनू चिनाई मिस्त्री का काम करता है। इन बच्चियों ने बताया कि वे मुक्तसर की रहने वाली हैं। आश्रम के सेवादार अब मुक्तसर मेें अपने सम्पर्कों के जरिए इनके मां-बाप का पता लगा रहे हैं। प्रथम दृष्टया यह मामला तीन बच्चियां होने के कारण मां द्वारा दो बच्चियों को छोड़े जाने का लग रहा है।
दोनों का कहना है कि उनके एक और छोटी बहन सुमन भी है। घर में एक बालक भी है, जिसे वे भाई कहती हैं। वे पिता का नाम सोनू और नाना का नाम चीना बता रही हैं।
सोनू चिनाई मिस्त्री का काम करता है। इन बच्चियों ने बताया कि वे मुक्तसर की रहने वाली हैं। आश्रम के सेवादार अब मुक्तसर मेें अपने सम्पर्कों के जरिए इनके मां-बाप का पता लगा रहे हैं। प्रथम दृष्टया यह मामला तीन बच्चियां होने के कारण मां द्वारा दो बच्चियों को छोड़े जाने का लग रहा है।
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