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मगरमच्छ की मौत पर फूट-फूटकर रोने लगा पूरा गांव, अब करेंगे ऐसा
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़
के बेमेतरा जिले में एक गांव में मगरमच्छ की मौत के बाद पूरे गांव में गम
का माहौल है। पिछले दिनों मगरमच्छ गंगाराम की मौत हो गई। इस मगरमच्छ की
उम्र करीब 130 साल थी। वन्य विभाग सहित ग्रामीणों ने इसे आखिरी विदाई दी।
मगरमच्छ गंगाराम को विदाई देने के लिए करीब 500 लोग शामिल हुए। गांव वाले
इस मगरमच्छ को अपने परिवार का सदस्य मानते थे। अंतिम विदाई के दौरान गांव
के कई लोग फूट-फूटकर रोने लगे।
वहीं गांववाले अब मगरमच्छ गंगाराम का मंदिर बनाने की तैयारी में हैं। गंगाराम ग्रामीणों का तकरीबन सौ वर्ष से ‘दोस्त’ था। मित्र ऐसा कि बच्चे भी तालाब में उसके करीब तैर लेते थे। गांव के सरपंच मोहन साहू बताते हैं, ‘गांव के तालाब में पिछले लगभग सौ वर्ष से मगरमच्छ निवास कर रहा था।
इस महीने की आठ तारीख को ग्रामीणों ने मगरमच्छ को तालाब में अचेत देखा तब उसे बाहर निकाल गया। बाहर निकालने के दौरान जानकारी मिली कि मगरमच्छ की मृत्यु हो गई है। बाद में इसकी सूचना वन विभाग को दी गई।’
वहीं गांववाले अब मगरमच्छ गंगाराम का मंदिर बनाने की तैयारी में हैं। गंगाराम ग्रामीणों का तकरीबन सौ वर्ष से ‘दोस्त’ था। मित्र ऐसा कि बच्चे भी तालाब में उसके करीब तैर लेते थे। गांव के सरपंच मोहन साहू बताते हैं, ‘गांव के तालाब में पिछले लगभग सौ वर्ष से मगरमच्छ निवास कर रहा था।
इस महीने की आठ तारीख को ग्रामीणों ने मगरमच्छ को तालाब में अचेत देखा तब उसे बाहर निकाल गया। बाहर निकालने के दौरान जानकारी मिली कि मगरमच्छ की मृत्यु हो गई है। बाद में इसकी सूचना वन विभाग को दी गई।’
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