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700 सालों से शापित है ये गांव, आज भी लोग नहीं करते ये काम
सभी चोरों ने उसके साथ मारपीट की जिससे वो बुरी तरीके से जखमी हो गया। उसके
बाद भागते भागते अपने ससुराल पंहुच गया और वहां जाकर दूसरी मंजिल पर छिप
गया। जब चोर ससुराल आकर परिवार वालों से मारपीट करने लगे तो उन्होंने
भोमिया के बारे में बता दिया की वो मकान की दूसरी मंजिर पर है।
जिसके बाद लुटेरों ने उनका सिर धड़ से अलग कर दिया, लेकिन भोमिया अपना सिर हाथ में लिए हुए उनसे लड़ते रहा और और लड़ते-लड़ते अपने गांव की सीमा के पास पहुंच गया।
और वहां जाकर उसने अपने प्राण त्याग दिए और उसका धड़ उड्सर गांव में आ गिरा। जहां भोमिया का मंदिर बनाया गया।
जिसके बाद लुटेरों ने उनका सिर धड़ से अलग कर दिया, लेकिन भोमिया अपना सिर हाथ में लिए हुए उनसे लड़ते रहा और और लड़ते-लड़ते अपने गांव की सीमा के पास पहुंच गया।
और वहां जाकर उसने अपने प्राण त्याग दिए और उसका धड़ उड्सर गांव में आ गिरा। जहां भोमिया का मंदिर बनाया गया।
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चूरु
राजस्थान से
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