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शख्स ने निगला ब्रश, डॉक्टरों ने सर्जरी कर बचाई जान
औरंगाबाद (महाराष्ट्र)।
एक 33 वर्षीय मजदूर ने दांतों की सफाई करते समय गलती से टूथब्रश ही निगल
लिया। इसके बाद डॉक्टरों ने फौरन ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई। बुधवार को एक
डॉक्टर ने यह जानकारी दी।
राजेश जाधव को 26 दिसंबर को सुबह 11 बजे के करीब 'गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल' (जीएमसीएच) में पेट दर्द की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया।
सर्जरी करने वाली टीम की अगुवाई करने वाले डॉ. जुनैद एम. शेख ने कहा कि यह जानने के बाद कि उसने टूथब्रश निगल लिया है, ब्रश उसके पेट में किस जगह है, यह पता लगाने के लिए पहले सीटी स्कैन किया गया।
डॉ. शेख ने आईएएनएस को बताया, "अगर ब्रश को उसके शरीर के अंदर रहने दिया जाता तो पेट और आंत को नुकसान पहुंच सकता था और जिंदगी को भी खतरा हो सकता था, इसलिए हमने फौरन उसका ऑपरेशन करने का फैसला लिया।"
जीएमसीएच के डीन डॉ. कन्नन येलिकर, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. सुरेश हरबडे, जनरल सर्जरी प्रमुख डॉ. सरोजिनी जाधव से कंसल्ट करने के बाद डॉ. शेख ने ऑपरेशन के लिए एक टीम बनाई।
डॉ. शेख ने कहा, "हमने मरीज के एबडॉमिनल कैविटी पर एक मिनी-लैपरेटोमी किया और लगभग 90 मिनट के बाद, टूथब्रश को निकाल लिया। हमने किसी भी संक्रमण को रोकने के लिए अंदरूनी सफाई की।"
टीम में डॉ. अविनाश घाटगे, डॉ. उमर खान, डॉ. संदीप चव्हाण, डॉ. सुकन्या विंचुरकर, डॉ. गौरव भावसार, डॉ. अनिकेत राखुडे, डॉ. विशाखा वाल्के, और हेड नर्स संतोषी सोंगाती भी शामिल थे।
मरीज को बाद में वार्ड में ले जाया गया, जहां उसकी पत्नी और भाई ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि जाधव ने टूथब्रश को कैसे निगल लिया।
डॉ. शेख ने कहा कि मरीज की हालत अब स्थिर है। उसे 5-6 दिनों के बाद डिस्चार्ज कर दिया जाएगा, जब हम टांके हटा देंगे, और यह भी निर्भर करेगा कि वह कितनी जल्दी ठीक होता है।
यह जीएमसीएच में की गई दूसरी अनोखी, लेकिन महत्वपूर्ण सर्जरी थी। लगभग 15 साल पहले, एक मरीज का ऑपरेशन तब किया गया था, जब उसने एक स्टील का चम्मच निगल लिया था। (आईएएनएस)
राजेश जाधव को 26 दिसंबर को सुबह 11 बजे के करीब 'गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल' (जीएमसीएच) में पेट दर्द की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया।
सर्जरी करने वाली टीम की अगुवाई करने वाले डॉ. जुनैद एम. शेख ने कहा कि यह जानने के बाद कि उसने टूथब्रश निगल लिया है, ब्रश उसके पेट में किस जगह है, यह पता लगाने के लिए पहले सीटी स्कैन किया गया।
डॉ. शेख ने आईएएनएस को बताया, "अगर ब्रश को उसके शरीर के अंदर रहने दिया जाता तो पेट और आंत को नुकसान पहुंच सकता था और जिंदगी को भी खतरा हो सकता था, इसलिए हमने फौरन उसका ऑपरेशन करने का फैसला लिया।"
जीएमसीएच के डीन डॉ. कन्नन येलिकर, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. सुरेश हरबडे, जनरल सर्जरी प्रमुख डॉ. सरोजिनी जाधव से कंसल्ट करने के बाद डॉ. शेख ने ऑपरेशन के लिए एक टीम बनाई।
डॉ. शेख ने कहा, "हमने मरीज के एबडॉमिनल कैविटी पर एक मिनी-लैपरेटोमी किया और लगभग 90 मिनट के बाद, टूथब्रश को निकाल लिया। हमने किसी भी संक्रमण को रोकने के लिए अंदरूनी सफाई की।"
टीम में डॉ. अविनाश घाटगे, डॉ. उमर खान, डॉ. संदीप चव्हाण, डॉ. सुकन्या विंचुरकर, डॉ. गौरव भावसार, डॉ. अनिकेत राखुडे, डॉ. विशाखा वाल्के, और हेड नर्स संतोषी सोंगाती भी शामिल थे।
मरीज को बाद में वार्ड में ले जाया गया, जहां उसकी पत्नी और भाई ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि जाधव ने टूथब्रश को कैसे निगल लिया।
डॉ. शेख ने कहा कि मरीज की हालत अब स्थिर है। उसे 5-6 दिनों के बाद डिस्चार्ज कर दिया जाएगा, जब हम टांके हटा देंगे, और यह भी निर्भर करेगा कि वह कितनी जल्दी ठीक होता है।
यह जीएमसीएच में की गई दूसरी अनोखी, लेकिन महत्वपूर्ण सर्जरी थी। लगभग 15 साल पहले, एक मरीज का ऑपरेशन तब किया गया था, जब उसने एक स्टील का चम्मच निगल लिया था। (आईएएनएस)
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