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इस देश में बिल्लियां हुई बैन, सरकार ने बताया ये कारण
नई दिल्ली। अक्सर लोग अपने घरों में कुत्ते और बिल्ली और भी कई प्रकार के जानवरों को पालते है। लेकिन न्यूजीलैंड में अब बिल्लियों पर प्रतिबंद लगने वाला है। जी हां, न्यूजीलैंड के एक गांव में दिलचस्प मामला बताते हुए बिल्लियों पर जल्द ही बैन लगने वाला हैं।
दरअसल, बिल्लियां पक्षियां को खा जाती हैं इसलिए सरकार ने फैसला किया है कि अब न्यूजीलैंड में लोग बिल्लियां नहीं पालेंगे। लगातार पक्षियों की कम होती तादाद के कारण यह बिल्लियां पर बैन लग रहा है। बिल्लियां के कारण पक्षियों की वो प्रजाति हैं जो कही और नहीं पाई जाती हैं, लुप्त होने की कगार पर हैं।
न्यूजीलैंड के ओमायु गांव में जिनके पास फिलहाल बिल्ली है, वो उनके पास ही रहेंगी। मगर उन बिल्लियां के मरने के बाद वह दुबारा बिल्ली नहीं पाल सकेंगे। अभी तक गांव में करीब 35 लोगों ने 7 से 8 बिल्लियां पाली हैं। आपको बता दें, न्यूजीलैंड में कापफी तादाद में पक्षी हैं। यहां 4 हजार से ज्यादा नुकसान न पहुंचाने वाले क्रिएचर्स हैं।
नेशनल आइकन भी किवी है। सरकार ने एक रिपोर्ट पेश किया था जिसमें बताया गया था कि हर साल ढाई करोड़ पक्षियों की मौत होती है। जिसके बाद सरकार ने बिल्लियां को दूर करने का जिम्मा उठाया था। यहां बिल्लियों को सीरियल किलर माना जाता है, 2013 में एक मूवमेंट शुरू किया गया था। जिसका नाम कैट टू गो दिया गया। न्यूजीलैंड का पूरा फोकस नेचर और पक्षियों को बचाना है इसलिए उन्होंने ये कदम उठाने का फैसला लिया है। हालात आउट ऑफ कंट्रोल होने की वजह से ये फैसला लिया गया।
दरअसल, बिल्लियां पक्षियां को खा जाती हैं इसलिए सरकार ने फैसला किया है कि अब न्यूजीलैंड में लोग बिल्लियां नहीं पालेंगे। लगातार पक्षियों की कम होती तादाद के कारण यह बिल्लियां पर बैन लग रहा है। बिल्लियां के कारण पक्षियों की वो प्रजाति हैं जो कही और नहीं पाई जाती हैं, लुप्त होने की कगार पर हैं।
न्यूजीलैंड के ओमायु गांव में जिनके पास फिलहाल बिल्ली है, वो उनके पास ही रहेंगी। मगर उन बिल्लियां के मरने के बाद वह दुबारा बिल्ली नहीं पाल सकेंगे। अभी तक गांव में करीब 35 लोगों ने 7 से 8 बिल्लियां पाली हैं। आपको बता दें, न्यूजीलैंड में कापफी तादाद में पक्षी हैं। यहां 4 हजार से ज्यादा नुकसान न पहुंचाने वाले क्रिएचर्स हैं।
नेशनल आइकन भी किवी है। सरकार ने एक रिपोर्ट पेश किया था जिसमें बताया गया था कि हर साल ढाई करोड़ पक्षियों की मौत होती है। जिसके बाद सरकार ने बिल्लियां को दूर करने का जिम्मा उठाया था। यहां बिल्लियों को सीरियल किलर माना जाता है, 2013 में एक मूवमेंट शुरू किया गया था। जिसका नाम कैट टू गो दिया गया। न्यूजीलैंड का पूरा फोकस नेचर और पक्षियों को बचाना है इसलिए उन्होंने ये कदम उठाने का फैसला लिया है। हालात आउट ऑफ कंट्रोल होने की वजह से ये फैसला लिया गया।
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