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हाथ दिखाकर रोक सकते है इन ट्रेनों को, देखिए एमपी की गजब ट्रेन
जबलपुर।
मध्यप्रदेश में रेलवे में सफर के दौरान अजीबोगरीब नजारे सुन और देखकर हर
कोई हैरान हो जाता है। जी हां, मध्यप्रदेश के मंडला से नैनपुर होकर जबलपुर
और बालाघाट की ओर जाने वाली ट्रेनों में सफर करने के दौरान ऐसा लगता है कि
मानों हम 18वीं सदी में जी रहे है।
इन ट्रेनों का नजारा देखकर आप हैरत में पड़ जाएंगे कि एशिया महाद्वीप की सबसे पुरानी और सबसे बडी नैरोगेज रेल लाईन आज भी अंग्रेजी हुकूमत की यादें ताजा कर देती हैं।
हैरान कर देने वाली बात तो यह कि नैनपुर से जबलपुर के बीच पिंडरई गांव में महज आधा किलोमीटर में एक नहीं बल्कि दो स्टेशन हैं, जिसके चलते इस स्टेशन का नाम गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज है। इतना ही नहीं जहां स्टेशन नहीं है वहां भी सवारी इन ट्रेनों को हाथ देकर रोक लेती हैं।
ट्रेन से उतरकर ड्रायवर बंद करता है फाटक...
इन ट्रेनों का नजारा देखकर आप हैरत में पड़ जाएंगे कि एशिया महाद्वीप की सबसे पुरानी और सबसे बडी नैरोगेज रेल लाईन आज भी अंग्रेजी हुकूमत की यादें ताजा कर देती हैं।
हैरान कर देने वाली बात तो यह कि नैनपुर से जबलपुर के बीच पिंडरई गांव में महज आधा किलोमीटर में एक नहीं बल्कि दो स्टेशन हैं, जिसके चलते इस स्टेशन का नाम गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज है। इतना ही नहीं जहां स्टेशन नहीं है वहां भी सवारी इन ट्रेनों को हाथ देकर रोक लेती हैं।
ट्रेन से उतरकर ड्रायवर बंद करता है फाटक...
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